स्वतंत्र समय, कोलकाता
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर उपाय अपना रहे हैं। ऐसे में राजभवन ( Raj Bhavan ) ने निर्वाचन आयोग (EC) का रुख किया है। उसने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के उन अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया, जिन्होंने राजनीतिक दलों को गैंगस्टरों और बदमाशों के नाम वाली सूची उपलब्ध कराई है।
संदिग्ध अपराधियों की एक सूची Raj Bhavan ने साझा की थी
दरअसल, आम चुनावों के मद्देनजर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यालय ने अपने तंत्र का इस्तेमाल करते हुए राज्य भर के संदिग्ध अपराधियों की एक सूची तैयार की थी, जिनका इस्तेमाल राजनीतिक दल चुनाव की तारीखों पर या उससे पहले मतदाताओं को डराने और कानून एवं व्यवस्था की अन्य समस्याएं पैदा करने के लिए कर सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मार्च के दूसरे सप्ताह में राजभवन (Raj Bhavan ) ने ऐसे और असामाजिक तत्वों की एक सूची राज्य के पुलिस महानिदेशक के जरिए पश्चिम बंगाल के सीईओ कार्यालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ साझा की थी ताकि हालातों को सामान्य रखा जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके।
सूची लीक करवाने का अंदेशा
सूत्र ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सीईओ कार्यालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य के शीर्ष राजनीतिक नेताओं को राजभवन द्वारा मुहैया कराई गई संदिग्ध अपराधियों की सूची लीक की है। ऐसा करके चुनाव के दौरान आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के राज्यपाल के प्रयासों को विफल किया जा सकता है। बंगाल में राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों को लेकर राज्यपाल कार्यालय और राज्य प्रशासन के बीच लगातार टकराव के मद्देनजर राजभवन ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि ये और असामाजिक तत्व इस राज्य में चुनाव के दौरान आम मतदाताओं को डराकर मतदान प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं। गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं का खुलासा करना चुनाव आयोग के नियमों का घोर उल्लंघन है। अधिकारी ने हालांकि उस राजनीतिक दल या उन दलों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया, जिन्हें सूची मुहैया कराई गई थी।