विपिन नीमा, इंदौर
इन दिनों देश में लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) चल रहे हैं। कई प्रत्याशी ज्यादा पढ़े लिखे है और कई प्रत्याशी अनपढ़ भी है। राजनीति के लिए बहुत ज्यादा पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है, आपका बौद्धिक स्तर ही आपको निर्णय लेने की क्षमता देता है, परंतु पढ़ा लिखा होने से आपको बहुत से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नीतियों को समझने में आसानी होती है, एक अच्छा नेता मानवीय मूल्यों के साथ, सबको एक साथ एक जुट रखता है। पढ़ाई लिखाई कभी बुरी नहीं होती है। कहने का मतलब यह है की आप किसी भी क्षेत्र में रहो , उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना ही चाहिए।
Lok Sabha Elections में प्रत्याशी लालवानी इंजीनियर, जबकि बम डॉक्टर
जहां मप्र का सवाल है तो प्रदेश की 29 सीटों के 29 प्रत्याशियों में से 14 प्रत्याशी ऐसे है जो ग्रेज्यूएट करने के बाद आगे पढ़ाई नहीं की। लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) में अपने भाग्य आजमा रहे दो प्रत्याशी ऐसे है जिन्होंने पीएचडी की है। उम्र के लिहाज से देखे तो 61 से 70 साल की उम्र के 10 चुनावी मैदान में है जबकि 35 से 40 साल के प्रत्याशियों की संख्या चार है। इंदौर की लोकसभा सीट पर आमने सामने चुनाव लड़ रहे भाजपा के शंकर लालवानी और कांग्रेस के डॉ अक्षय बम दोनों ही पढ़े लिखे है और उनके पास कई डिग्रिया भी है। लालवानी इंजीनियर है जबकि बम डाक्टर है। जिस तरह से सिक्के के दो पहलू होते है उसी तरह राजनीति में भी दो तरह के नेता होते है एक अच्छे पढ़े लिखे और दूसरे बुरे या कम पढ़े लिखे, लेकिन ऐसा नहीं है आज की आज भी देश की राजनीति में एक से बढक़र एक बुध्दिमान नेता राजनीति कर रहे है। लोकसभा चुनाव में भी बहुत सारे प्रत्याशी कई डिग्रियां लेकर चुनाव लड़ रहे है। चुनाव के दौरान जगह जगह भाषण देना अपनी बातों को सही तरीके से पेश करना, जनता से रुबरु होना, ये सारे गुण एक पढ़े लिखे नेता के पास होते है। जबकि कई नेता ऐसे ही जिन्हें समझ कम होने के बाद भी राजनीति करते है। मप्र की 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव रहे पार्टियों के प्रत्याशियों की शिक्षा और उम्र के बारे में जो जानकारियां मिली है वो चौंकाने वाली है।
उच्च शिक्षा प्राप्त है इंदौर के दोनों प्रत्याशी
मप्र की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीट इंदौर में इस समय भले ही चुनाव का रंग नहीं जमा हो , लेकिन इस सीट पर हर किसी की नजर लगी हुई है। द्ूसरी बार सांसद का चुनाव लड़ रहे मौजूदा सांसद शंकर लालवानी के सामने राजनीति का पहला चुनाव लड़ रहे डॉ अक्षय बम है। दोनों ही एज्यूकेशन के क्षेत्र में सफलता के साथ आगे बढे है।
दोनों प्रत्याशियों की शिक्षा पर एक नजर…
शंकर लालवानीः शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 ( 63 साल) को इंदौर में हुआ था। पारिवारिक वातावरण में शंकर लालवानी की पढ़ाई-लिखाई हुई। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से उन्होंने हायर सेकेण्डरी की परीक्षा पास की और फिर मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध वीर माता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में बी-टेक की पढ़ाई करने के लिए चले गए। उन्होंने बी-टेक की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की और फिर इंदौर आकर कारोबार और कंसल्टेंसी में जुट गए।
अक्षय कांति बमः डॉ. अक्षय कांति बम की प्रारंभिक शिक्षा इंदौर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान डेली कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने मुंबई के प्रसिद्ध सिडेनहैम कॉलेज से बी कॉंम आनर्स , देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से एलएलबी एवं एमबीए (पब्लिक एडमिनिस्टे:ेशन) में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया। . उच्च शिक्षा के इसी क्रम में श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी राजस्थान से मैनेजमेंट में में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
29 सीटों के 29 प्रत्याशियों की शिक्षा और उम्र…
प्रत्याशियों की शिक्षा…
- पीएचडी – 2 प्रत्याशी ( 7 प्रतिशत)
- 12 वीं पास – 2 प्रत्याशी ( 7 प्रतिशत)
- पोस्ट ग्रेजुएट – 11 प्रत्याशी (38 प्रतिशत)
- ग्रेजुएट – 14 प्रत्याशी (48 प्रतिशत)
प्रत्याशियों की उम्र…
- 61 से 70 साल के 10 प्रत्याशी
- 51 से 60 साल के 9 प्रत्याशी
- 41 से 50 साल के 6 प्रत्याशी
- 35 से 40 साल के 4 प्रत्याशी