सीताराम ठाकुर, भोपाल
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( Mohan Yadav ) भी मोदी का राह पर चल पड़े हैं। देश में 400 पार का नारा देने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए जिस ढंग से विपक्ष और खासकर कांग्रेस तथा गांधी परिवार को घेरने के लिए अपने भाषणों में तीखापन दिखा रहे हैं। वे हर मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमले कर रहे हैं। अब यादव भी मोदी की तरह उसी दिन रिजल्ट देने के प्रयास में मोदी के भाषणों के आधार पर हुबहू भाषण देने की शैली अपना रहे हैं।
Mohan Yadav बोले- कांग्रेस धार्मिक तुष्टीकरण को मोहरा बना रही
पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति को ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। इसके बाद पीएम ने 24 अप्रैल को हरदा और सागर में भाषण के दौरान यहीं बात दोहराते हुए कहा था कि कांग्रेस फिर से धार्मिक तुष्टीकरण को मोहरा बना रही है। कांग्रेस ने कर्नाटक में गैर कानूनी तरीके से ओबीसी समाज के आंख में धूल झोंक कर एक वर्ग विशेष की सभी जातियों को ओबीसी कोटा में शामिल कर दिया। कांग्रेस यही फॉर्मूला पूरे देश में लागू करना चाहती है। चुनाव तो आएंगे-जाएंगे लेकिन ये खतरनाक खेल देश की जनता की आने वाली पीढिय़ों को तबाह कर देगा। कांग्रेस ओबीसी समुदाय की सबसे बड़ी दुश्मन है। कांग्रेस ने सामाजिक न्याय की हत्या की है। वह गरीब, दलितों और महिलाओं का धन छीनना चाहती है।
सीएम मोहन ने दिया तीखा भाषण
24 अप्रैल को सागर सहित अन्य स्थानों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस देश के गरीबों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों सहित हम सबका मेहनत से कमाया हुआ धन छीनना चाहती है। यह लोकतंत्र में कभी नहीं हो सकता। वर्ष 2013 से पहले देश में कांग्रेस की सरकार थी और उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी यह बोला था कि इस देश पर पहला हक मुसलमानों का है। कितना दुर्भाग्य है कि कांग्रेस हमेशा से हिंदू-मुसलमानों के बीच में फूट डालकर शासन करती रही। घमंडिया गठबंधन के लोग पानी पी-पीकर रोज एकमात्र व्यक्ति को गाली देते हैं। उन्हें कोई और नहीं मिलता। सोनिया गांधी इसलिए गाली देती हैं कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नहीं बनने दे रहे हैं, लालू यादव इसलिए गाली दे रहे हैं कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री नहीं बनने दे रहे हैं, ममता बनर्जी इसलिए गाली देती हैं कि उनके भतीजे को आगे नहीं आने दे रहे हैं। यह सभी अपने-अपने खानदान को आगे बढ़ाने के लिए निकले हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों की टू कापी
इस तरह देखा जाए तो सीएम मोहन यादव भी पीएम मोदी के भाषणों की टू कापी भाषण देने की शैली अपना रहे हैं, जबकि मप्र में 18 साल से अधिक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने भी कभी पीएम मोदी की नकल करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने मोदी को भगवान का अवतार जैसे शब्दों का प्रयोग जरूर किया। डॉ. मोहन यादव ने मप्र के मुख्यमंत्री के रूप में 13 दिसंबर को शपथ ली थी। शुरूआत में वे अपने भाषणों में तीखापन नहीं ला सके थे। वे कम समय में ही अपनी बात रख पाते थे, लेकिन जैसे ही यादव को मुख्यमंत्री बने चार माह से अधिक समय हुआ भाषणों में तीखापन आने के साथ ही मोदी की शैली अपनाने का गुण उनमें आ गया है।