स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए डॉ. अक्षय कांति बम ( Akshay Kanti BAM ) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुराने मामलों में उनको भले ही राहत मिल जाए, लेकिन अब एक और मामला अदालत पहुंच गया है। उनके कॉलेज के पुराने फैकल्टीज ने मिलकर परिवाद दायर कराया है। इसकी सुनवाई 10 मई को होगी। बता दें, इसी दिन 17 साल पुराने जमीन विवाद के एक अन्य मामले में भी अक्षय की पेशी है, जिसमें धारा 307 बढ़ा दी गई है।पाला बदलने के सवाल पर अक्षय बम कह रहे हैं कि ‘रामभक्त हूं। सनातन और राष्ट्रहित के काम के लिए आया हूं। कोई मुझे डरा नहीं सकता’, लेकिन अब नई-नई थ्योरी भी सामने आ रही हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में कांग्रेस से टिकट की घोषणा होते ही अपने लॉ कॉलेज स्टाफ से धोखाधड़ी और प्रताडऩा के आरोप पर छात्रों के साथ फैकल्टीज ने भी मोर्चा खोला था। जांच श्वह्रङ्ख और सीबीआई तक से कराने के लिए ज्ञापन दिए गए थे। यह वही टाइमिंग है, जब धारा 307 बढ़ाने के लिए अदालत में नया आवेदन पहुंचा था। इससे भी अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे चुनाव के बीच अक्षय घिरते जा रहे थे। बाले-बाले जांच शुरू कर दी गई, जिसके प्रेशर में अक्षय बम आ गए।
धारा 307 के अलावा Akshay Kanti BAM 2 और मोर्चों पर घिरे
अक्षय कांति ( Akshay Kanti BAM ) पर लॉ कॉलेज की स्टूडेंट्स ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाए, जो अब एक संगठन की नेता हैं। कॉलेज की पुरानी और मृत फैकल्टी को काम पर बताकर नेशनल रैंकिंग लेने के आरोप लग रहे थे। वकीलों ने बताया इसके अलावा रश्मि शुक्ला नामक फैकल्टी ने नवंबर 2022 में सुसाइड कर लिया था। इसके बावजूद कॉलेज मैनेजमेंट ने वेबसाइट पर नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के डेटा में असिस्टेंट प्रोफेसर रश्मि शुक्ला, विशाल पुराणिक,आशीष कुमार सोनी, डॉ. माधुरी मोदी, डॉ. योगिता मेनन, डॉ. योगिता चौहान, अमरेश पटेल, नवीन दवे, सौरभ कुमार, डॉ. दिनेश अशोक, डॉ. कविता दुबे, करण जीत कौर, रूपाली को कॉलेज में नियमित नौकरी पर दिखाया। यह डेटा मार्च-अप्रैल 2024 में ही अपलोड किया गया। फैकल्टी के दस्तावेज के जरिए नेक रैंकिंग ्र + एवं ऑटोनोमस स्टेटस भी प्राप्त किया था। इस मामले में परिवाद को लेकर सुनवाई भी 10 मई को होने जा रही है। कोर्ट ने जवाब मांगा है।
छात्रा ने भाजपा नेता के साथ जाकर की थी जांच की मांग
चुनाव प्रचार चल रहा था। इस बीच भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के क्षेत्र वार्ड नंबर 24 में रहने वाली पूजा नाम की लॉ स्टूडेंट ने प्रताडि़त किए जाने की शिकायत की। 8 अप्रैल 2024 को ज्ञापन देकर कहा कि धोखाधड़ी हुई है, इसलिए मान्यता रद्द करें। ज्ञापन श्वह्रङ्ख में दिया। छानबीन भी शुरू कर दी गई, लेकिन पाला बदलते ही जांच ठहर गई है। इसके अगले दिन शिकायत करने वाली लॉ स्टूडेंट को हिंद राष्ट्र संगठन में इंदौर जिले का महामंत्री बना दिया गया है। इस ऐसे समझिए कि श्यामा चरण शुक्ला नगर-कुलकर्णी नगर निवासी पूजा कुशवाह ने कॉलेज के चेयरमैन डॉ. अक्षय कांति बम, डायरेक्टर डॉ. मनप्रीत कौर राजपाल, प्रिंसिपल डॉ. विनोद पाटीदार, ॥ह्रष्ठ और ॥क्र प्रबंधन के विरुद्ध 5 अप्रैल 2024 को पुलिस सहित आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई। इसका नेतृत्व हिंद राष्ट्र नाम के संगठन ने किया। इसके प्रमुख इंदौर के भाजपा नेता राजेश शिरोडकर हैं। यह ज्ञापन 8 अप्रैल को रीगल चौराहा स्थित पुलिस कार्यालय में दिया था।
कॉलेज की पुरानी फैकल्टीज ने परिवाद लगाया, वहां भी होगी पेशी
अक्षय के कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की पुरानी फैकल्टी की ओर से एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे और डॉ. रूपाली राठौर ने बताया कि डॉ. कविता दिवे, विशाल पुराणिक, रूपाली व अन्य असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कॉलेज में नौकरी करते थे। सभी ने काफी समय पहले कॉलेज छोड़ दिया था।
अक्षय ने कहा- मैं किसी तरह के दबाव में नहीं
भाजपा में आए अक्षय कांति बम ने नामवापसी पर कहा कि मेरे साथ कोई डील भाजपा ने नहीं की है। मैं अपनी इच्छा से राम, राष्ट्र और सनातन के लिए यहां काम करने आया हूं। जो आरोप हैं, उन्हें लेकर 10 मई को कोर्ट में सुनवाई होगी।
एक पेन ड्राइव बनी डॉ अक्षय कांति बम के लिए मुसीबत
कोर्ट ने बंद लिफाफे में पुलिस को भेजी कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रत्याशी डॉ. अक्षय कान्ति बम के विरुद्ध धोखाधड़ी,फर्जीवाडा करने सहित महिला फ़ैकल्टियो को प्रताडि़त करने के एक आपराधिक मामले में कोर्ट ने पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट दिनाँक 10 मई 2024 को तलब की।9 मृत फेकल्टी एवं कई सालो पूर्व काम छोड़ चुके फेकल्टीयो को सन् 2024 में भी कॉलेज की वेबसाईट पर नोकरी करना बताकर-आर्थिक अनियमितता करने पर पीडित ने श्वह्रङ्ख-पुलिस में की थी रिपोर्ट!एक युवती द्वारा भी हिन्दू राष्ट्र संघठन के नेतृत्व में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियो को 8 अप्रेल 2024 को मुख्यमंत्री महोदय के नाम कॉलेज की मान्यता समाप्त कर एवं दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने को लेकर ज्ञापन देते हुए श्वह्रङ्ख में भी दर्ज कराई थी शिकायत!