स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने गुरुवार को उज्जैन उत्तर विधानसभा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन एवं संत समागम में शिरकत करने के साथ ही देवास, आगर तथा राजगढ़ में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं की। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी न राम के हुए, न राष्ट्र के हुए और राज्य का तो पहले ही दिग्विजय सिंह ने बंटाढार कर दिया। अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बन गया तो कांग्रेस को लगा कि उनका वोट बैंक लुट गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का चुनाव भाजपा-कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन का चुनाव नहीं है, बल्कि इस बार का चुनाव तो सनातन संस्कृति और सनातन संस्कृति को गाली देने वालों के बीच का चुनाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारी सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। वे देश का मान-सम्मान दुनियाभर में बढ़ा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और इसके घमंडिया गठबंधन ने हमेशा से देश की सनातन संस्कृति को बदनाम करने का काम किया है। हम सनातन संस्कृति को पूजन वाले, मानने वाले लोग हैं, लेकिन कांग्रेस और इनके नेता दिग्विजय सिंह सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाने वाले हैं।
CM Mohan Yadav ने कहा कांग्रेस संविधान का अपमान कर रही
सीएम ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि कांग्रेस ने सबसे ज्यादा संविधान में संशोधन कराए और अब भी वे संविधान का अपमान कर रहे हैं। उनके नेता राहुल गांधी एक लाल किताब को संविधान बता रहे हैं। सभाओं में जाकर कह रहे हैं कि भाजपा की सरकार आ गई तो वे संविधान को बदल देंगे। वे कहते हैं कि संविधान खतरे में है, सबका आरक्षण हटा देंगे। उन्हें यह नहीं पता है कि भाजपा की सरकार 10 सालों से है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश करने से पहले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान को अपने मस्तिष्क से लगाया था, प्रणाम किया था और उसके बाद वे लोकतंत्र के मंदिर में आए।
कांग्रेस के इतने पाप कि डिक्शनरी कम पड़ जाए
डॉ. यादव ने कहा कि कांग्रेस ने 70 सालों में इतने पाप कर डाले कि इनके पापों की डिक्शनरी भी कम पड़ जाए। इनके पापों का घड़ा भरा चुका है और अब फूटने वाला भी है। हमने 500 वर्षों तक अपने अराध्य के मंदिर का सपना देखा। आजादी के बाद से लगभग 70 वर्षों तक कांग्रेस ने देश में शासन किया, लेकिन वे भगवान श्रीराम को गर्भगृह में विराजमान नहीं करवा पाए। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बीडा उठाया तो इसमें भी कई अड़ंगे लगाए। जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया तो उस पर भी आपत्ति उठाई। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हमारे मुस्लिम भाइयों ने भी स्वागत किया और उन्होंने भी भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का आनंद लिया, लेकिन कांग्रेस वाले कोई नहीं आए।