नगर निगम इंदौर में जल यंत्रालय तथा ड्रेनेज विभाग के 20 फर्जी बिल पकड़े जाने पर 5 फर्मों- मैसर्स जहान्वी इंटरप्राइजेस, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइजेस, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन, मैसर्स नीव कंस्ट्रक्शन और मैसर्स ग्रीन कंस्ट्रक्शन के 20 बिल बिना किसी निविदा, अनुबंध और बिना कार्य के फर्जी बनाये जाकर निगम की वित्त शाखा में प्रस्तुत किये गये। इस आधार पर उक्त फर्मों को 3 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया। आयुक्त नगर निगम के संज्ञान में आने पर पाँचों फर्मों को ब्लेक लिस्ट कर भुगतान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जाँच समिति गठित
घटना की जानकारी मिलने पर आयुक्त नगर निगम इंदौर ने एक जाँच समिति गठित की। इन 5 फर्मों में पिछले 10 वर्षों में पाये गये 188 प्रकरणों की जाँच समिति कर रही है। समिति की प्राथमिक विवेचना में दोषी पाये गये 2 कर्मचारियों भूपेन्द्र पुरोहित और सुनील भंवर को कारण बताओ नोटिस जारी कर हाजरी मुक्त कर दिया गया है।
हिरासत की कार्रवाई
पुलिस द्वारा जहान्वी इंटरप्राइजेस के राहुल बडेरा, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइज की रेणु बडेरा, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन के मो. जाकिर और मैसर्स न्यू कंस्ट्रक्शन के मो. साजिद, लेखा विभाग नगर निगम के पूर्व विनियमित क्लर्क राजकुमार साल्वी, उपयंत्री उदय भदौरिया और कम्प्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया को हिरासत में लिया गया है। इनमें से उक्त नगर निगम में कार्यरत कर्मियों की सेवाएँ समाप्त कर दी गई हैं। सहायक यंत्री अभय राठौर को निलंबित किया गया है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र के आधार पर वित्त विभाग द्वारा नगर निगम में वित्त विभाग के पदस्थ लोकल फण्ड के समर सिंह परमार, उप संचालक जगदीश ओहरिया और रामेश्वर परमार को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने की उच्च स्तरीय समिति गठित
नगर निगम इंदौर में फर्जी बिलों की जाँच के लिये सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव वाणिज्य कर श्री अमित राठौर और सदस्यों के रूप में सचिव वित्त विभाग श्री अजीत कुमार और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।