स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में कांग्रेस की एक और महिला विधायक भाजपा में शामिल हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक निर्मला सप्रे ( MLA Nirmala Sapre ) सहित तीन विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इससे पहले छिंदवाड़ा से कमलेश शाह, श्योपुर से राम निवास रावत ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने भाजपा का दामन थाम लिया है। रविवार को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें चुनावी सभा में भाजपा की सदस्यता दिलाई।
MLA Nirmala Sapre बोलीं कांग्रेस में सम्मान नहीं
निर्मला सप्रे ( MLA Nirmala Sapre ) ने कहा कि वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक अनुसूचित जाति की महिला के लिए कभी चाशनी, कभी आइटम जैसे शब्दों के उपयोग से दुखी थी। महिलाओं का कांग्रेस में सम्मान और स्थान नहीं है। डॉ. मोहन यादव की विकास की नीतियों से प्रभावित होकर मैंने भाजपा जॉइन की। गौरतलब है कि सागर लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्र में से एक मात्र बीना सीट कांग्रेस के कब्जे में है। लेकिन यहां कि कांग्रेस विधायक अब भाजपा में शामिल हो गई है।
जैसे ही राहुल गांधी को लॉन्च किया, सरकार चली गई : सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को सागर लोकसभा क्षेत्र के राहतगढ़ में भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी लता वानखेड़े के समर्थन में चुनावी सभा की। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा-उन्हें (राहुल गांधी) खुद को मालूम नहीं है कि वे क्या करने वाले हैं? सीएम ने कहा-2004 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार अच्छी-खासी चल रही थी, लेकिन जैसे ही राहुल गांधी को लॉन्च किया, इनकी सरकार चली गई। 115 सांसद रह गए। 2019 में इन्हें फिर लॉन्च किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना दिया गया, लेकिन 115 में से सिर्फ 52 सांसद रह गए। उन्हें पद से भी इस्तीफा देना पड़ा।
10 दिन से भाजपा के संपर्क में थीं निर्मला
बीना विधायक निर्मला सप्रे 10 दिन से भाजपा के संपर्क में थीं। उन्होंने भोपाल कार्यालय में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से मुलाकात की। 5 दिन पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी मिली थीं। दो दिन पहले ही चर्चा होने लगी थी कि राहतगढ़ में विधायक निर्मला सप्रे भाजपा की सदस्यता लेंगी।
इधर… रायपुर में राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिनों पहले रायपुर में उनका सुशील आनंद शुक्ला के साथ विवाद हुआ था। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा है। उसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी में राम नाम लेने वालों का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर इस्तीफे का लेटर पोस्ट कर लिखा- आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं व अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। हां मैं लडक़ी हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी। मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।