स्वतंत्र समय, बदायूं
बदायूं में नेताओं की जीत-हार ( Win and loss of candidates ) को लेकर दो वकीलों के बीच ऐसी शर्त लगी है जिसका एग्रीमेंट भी कराया गया है। देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है और ऐसे में हर गली-नुक्कड़ पर बस इसी की चर्चा है। अलग-अलग दलों के समर्थक अपने नेताओं के चुनाव जीतने का दावा करते हैं और कई बार तो लोग इस पर जुबानी शर्त तक लगा लेते हैं।
Win and loss of candidates पर दो-दो लाख रुपए की शर्त
दरअसल बदायूं में भाजपा और सपा प्रत्याशियों की हार जीत ( Win and loss of candidates ) को लेकर दो वकीलों में जंग छिड़ गई और अपने-अपने प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर उन्होंने दो-दो लाख रुपए की शर्त लगा ली। इस शर्त को लेकर दोनों वकीलों ने 10 रुपये के स्टांप पेपर पर लिखित अनुबंध भी किया है जिसमें दो अन्य वकीलों को गवाह भी बनाया गया है। अब शर्त लगाने वाले इन दोनों वकीलों को 4 जून का इंतजार है। बदायूं के उझानी कस्बे के गौतमपुरी मोहल्ले के रहने वाले दिवाकर वर्मा उर्फ टिल्लन वर्मा वकील हैं और स्थानीय कचहरी में वकालत करते हैं और बीजेपी के समर्थक हैं। वहीं बरामालदेव गांव के रहने वाले सत्येंद्र पाल भी वकील हैं और वो समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। चुनाव को लेकर आम चर्चा के दौरान दोनों वकीलों में एक बहस छिड़ गई। दोनों अपने-अपने पसंद के प्रत्याशियों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने लगे और उनकी जीत को लेकर दो-दो लाख रुपये की शर्त लगा ली जिसका 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखित अनुबंध कराया गया।
हारने पर देना होगा 2 लाख रुपए
उस अनुबंध में लिखा है कि जिस समर्थक का प्रत्याशी जीतेगा उसे हारने वाले प्रत्याशी का समर्थक 2 लाख रुपये देगा। जब दोनों वकीलों में शर्त लगी तो वहां भीड़ जमा हो गई और दोनों तरफ से एक-एक वकील को गवाह भी बनाया गया हैं। इस शर्त को लेकर वकील दिवाकर वर्मा का दावा है कि बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य जीतेंगे जबकि सत्येंद्र पाल का मानना है कि उनके प्रत्याशी और समाजवादी पार्टी के नेता आदित्य यादव जीतेंग। फिलहाल दो वकीलों द्वारा लगाई गई ये शर्त लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।