इंदौर : इंदौर जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह द्वारा धारा 144 के तहत आदेश जारी किये गये हैं। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम- 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के पुरूष के विवाह को प्रतिषेध किया गया है। जो कोई बाल विवाह को सम्पन्न करेगा, संचालित करेगा, निर्दिष्ट करेगा या दुष्प्रेरित करेगा, ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के विधिक प्रावधान बनाये गये हैं।
अक्षय तृतीया (आखातीज) एवं अन्य अवसरों पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराये जाते हैं। इस दौरान बाल विवाहों के आयोजन की संभावनाएं रहती है। जिले में बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के विधिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह द्वारा आदेश जारी किये गये हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, कोटवार, शौर्य दल, चाईल्ड लाईन, लाडो अभियान कोर सदस्य इत्यादि की जवाबदारी निर्धारित की गई है कि क्षेत्र में कोई भी विवाह विधि अनुरूप मान्य आयु (बालक का विवाह 21 वर्ष के पूर्व व बालिका का विवाह 18 वर्ष) के पूर्व ना हो। बाल विवाह की दशा में शिकायत स्थानीय पुलिस थाना, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों, चाईल्ड लाईन 1098 पर की जा सकेगी।
सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे अपने आयोजनों में बाल विवाह नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिंग प्रेस, टेंट हाऊस, शादी के गार्डन / धर्मशाला मालिक, हलवाई, केटरर, धर्म गुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, नाई, ब्यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टर इत्यादि सेवा प्रदाता भी आयु से संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त कर परीक्षण करके (बालक 21 वर्ष या उससे अधिक व बालिका 18 वर्ष या उससे अधिक) के उपरान्त ही सेवायें प्रदान करेंगे एवं अपनी संस्था में यह नोटिस चस्पा करेंगे कि” लाडो अभियान के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह होने के कारण सेवायें नहीं देंगे” ।
वर-वधु के आयु का प्रमाण प्रिटिंग प्रेस वालों के पास रहे, इसके बाद ही वह विवाह निमंत्रण पत्र प्रिंट करेंगे। विभिन्न समाजों के धर्मस्थलों के सूचना पटल पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम व सजा का उल्लेख किया जाए। बाल विवाह रोकथाम अंतर्गत आदेशित कर्मचारी/अधिकारी गांव / मोहल्लों/वार्ड के उन परिवारों में जहाँ बाल विवाह होने की आशंका हो, समन्वित रूप से समझाया जाये। यदि आवश्यक हो तो, कानून द्वारा बाल विवाह को रोका जाये।
अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर विवाह रोकथाम अभियान के अन्तर्गत गठित दलों द्वारा सामूहिक विवाहों का निरीक्षण किया जाये एवं यदि कहीं पर बाल विवाह होना पाया जाता है तो विधि अनुरूप कार्यवाही की जाये। इन्दौर जिला अंतर्गत स्थित विद्यालय / स्कूलों / कॉलेजो/ कोचिंग संस्थान आदि के प्रभारी / प्राचार्य / संचालक उनकी संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विवाह हेतु विधि अनुरूप मान्य आयु से अवगत कराएगें एवं बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे सम्बंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी से अवगत कराएंगें।
सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी, पुलिस के थाना प्रभारी, पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी, महिला सशक्तिकरण/महिला बाल विकास के सभी अधिकारी इस आदेश का पालन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित् करेंगे। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील होकर 06 जुलाई 2024 तक प्रभावशील रहेगा।