स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से राजगढ़ सीट सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। इस सीट पर दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ईवीएम पर लगातार सवाल उठाने वाले दिग्विजय सिंह निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली से खासे नाराज हैं। कांग्रेस का आरोप है कि राजगढ़ की एसएलयू (सिंबल लोडिंग यूनिट) स्ट्रांग रुम से गायब करा दी गई हैं।
Digvijay Singh ने राजगढ़ जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए
इस मामले में दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने राजगढ़ जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मीडिया से चर्चा में कहा- न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि एसएलयू को 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए। मप्र चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर राजगढ़ के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। हमारे प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्ट्रांग रुम का विजिट करने जाते हैं तो पता चलता है कि एसएलयू स्ट्रांग रूम से गायब पाई जाती है। पता चलता है कि एसएलयू को निर्वाचन आयोग कहीं और लेकर गया है। उन्होंने कहा- सिर्फ राजगढ़ की एसएलयू को क्यों गायब किया गया है। इस मामले को लेकर हम न्यायालय गए हैं। और न्यायालय के संज्ञान में यह मामला लाया है।
सुको के आदेश के अनुसार एसएलयू वापस की गई
कांग्रेस के आरोपों पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने में कहा- सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम वाली याचिकाओं को जब खारिज किया। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है कि सिंबल लोडिंग यूनिट से कमीशनिंग की जाती है। जहां एक मई के पहले कमीशनिंग हुई है। वहां एसएलयू इंजीनियर्स को वापस की जाएंगी। और एक मई के बाद जहां कमीशनिंग हुई है वहां 45 दिनों तक रखी जाएंगी। राजगढ़ की कमीशनिंग 28-29 तारीख को खत्म हो गई थी। तो राजगढ़ कलेक्टर ने सुप्रीम कोर्ट जजमेंट के आधार पर जो आयोग ने निर्देश जारी किया था उसके हिसाब से 7 तारीख को वोटिंग होने के बाद 8 तारीख को इंजीनियर्स को वापस कर दीं। ये सही है कि राजगढ़ में 5 सिंबल लोडिंग मशीनें यूज हुई थीं 5 अनयूज्ड थीं। गुना कलेक्टर का ये कहना है कि कांग्रेस के लोगों ने लोगों ने आपत्ति करते हुए कहा था कि ये मशीनें वापस ना की जाएं तो उन्होंने वापस नहीं की। इतनी सी बस बात है।