स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। केजरीवाल ने शीर्ष कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही कहा कि केजरीवाल जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की।
Arvind Kejriwal को बचाने वाले 9 बयान हैंः अभिषेक मनु
ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू और केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं। एसवी राजू ने कहा कि रिश्वत का पैसा हवाला के जरिए भेजा गया। जस्टिस खन्ना ने कहा कि आमतौर पर जांच अधिकारी तब तक गिरफ्तार नहीं कर सकता, जब तक उसके पास ‘दोषी’ साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों। यही स्टैंडर्ड होना चाहिए। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को दोषी साबित करने से बचाने वाले 9 बयान हैं, लेकिन जांच एजेंसी ने इसे जीरो वेटेज दिया। सुनवाई के दौरान ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को दिया एक हफ्ते का समय
जस्टिस खन्ना- हमने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं। फैसला सुरक्षित रखते हैं। इसके बावजूद, अधिकारों और विवादों पर गलत असर डाले बिना अपीलकर्ता कानून के मुताबिक जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में जा सकता है। लेकिन दोनों पक्ष 1 हफ्ते के अंदर एडिशनल नोट और डॉक्युमेंट्स दाखिल कर सकते हैं।