रोचक फैसले सुनाने वाले Justice Sheel Nagu होंगे हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस

स्वतंत्र समय, भोपाल/जबलपुर

जस्टिस शील नागू ( Justice Sheel Nagu ) 25 मई से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस होंगे। वे  वर्तमान में हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में ही पदस्थ हैं। ‘जमानत चाहिए तो अस्पताल में 25 हजार रुपए कीमत की एलईडी टीवी लगवाओ। टीवी भारत या किसी भी देश में बना हो, लेकिन चीन का बना नहीं होना चाहिए।’ जस्टिस शील नागू कुछ ऐसे ही रोचक फैसले सुनाने के लिए जाने जाते हैं।

Justice Sheel Nagu ने एक फैसले में कहा टीवी चाइना मेड नहीं होनी चाहिए

निवर्तमान चीफ जस्टिस रवि मलिमठ 24 मई 2024 को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने 14 अक्टूबर 2021 को चीफ जस्टिस पद की शपथ ली थी। जस्टिस शील नागू ( Justice Sheel Nagu ) ने टीवी लगाने का फैसला 2020 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनाया था। हत्या के प्रयास के आरोपी अरविंद पटेल और कमलेश पाल ने जमानत की अर्जी लगाई थी। दोनों ने 18 फरवरी 2020 को ग्वालियर जिले के बड़ौनी थाना क्षेत्र के गांव औरीना में बृजेश पाल के पैर में गोली मार दी थी। तब गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी इसलिए जस्टिस नागू ने अपने आदेश में कहा था कि टीवी चाइना मेड नहीं होनी चाहिए। ऐसे फैसलों से याचिका लगाने वालों को तो राहत मिली ही, समाज की बेहतरी के लिए भी कुछ करने का मौका मिला।

3 दिन में 36 फैसले सुनाए, जमानत की एक ही शर्त- 100-100 पौधे लगाओ

जस्टिस शील नागू के फैसलों की चर्चा आज भी लोग करते हैं। 5 साल पहले ग्वालियर में उन्होंने 3 दिन में 36 फैसले सुनाए। क्रिमिनल केसेस में जिन आरोपियों को सशर्त जमानत दी, उन्हें 100-100 पौधे रोपने का आदेश दिया। जिन आरोपियों को पौधे लगाने के लिए कहा, उनमें से कुछ ग्वालियर से हैं तो कुछ गुना, भिंड, मुरैना, दतिया, अशोकनगर, शिवपुरी जिले से थे। सभी से पौधे की एक साल तक देखरेख करने को भी कहा। जस्टिस शील नागू ने आदेश में ये भी स्पष्ट किया कि जो पौधे लगाए जाएं, वो छायादार और फलदार भी हों। सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड लगाएं। नियमित पानी दें। ये सारी कवायद तीस दिन में पूरी करनी होगी और रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में देनी होगी। संबंधित जिले का वरिष्ठ सरकारी वकील निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा और ट्रायल कोर्ट में देगा। यदि शर्त का पालन नहीं होगा तो जमानत कैंसिल कर दी जाएगी। आदेश की एक अनूठी बात ये भी थी कि आरोपियों को उस जगह पौधे लगाने के लिए कहा गया, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। इन 36 में से अधिकांश मामले आम्र्स और एक्साइज एक्ट के थे।