स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेज मामले की जांच कर रहे जिस सीबीआई इंस्पेक्टर ( CBI Inspector ) राहुल राज को सीबीआई की ही विजिलेंस टीम ने रिश्वत के 7 लाख रुपए और सोने के दो बिस्किट के साथ दो दिन पहले पकड़ा था, उसने जांच के घेरे में आए इंदौर और आसपास के नर्सिंग कॉलेज संचालकों से तगड़ी वसूली की थी। एक-एक कॉलेज संचालक को धमकाकर रिश्वतखोर इंस्पेक्टर ने 10-10 लाख रुपए वसूले थे। कुछ से तो इससे भी ज्यादा राशि वसूली गई थी। इस रिश्वत के एवज में अपात्र कॉलेज को पात्र बता हाई कोर्ट में गलत रिपोर्ट पेश की गई। रिश्वतखोरी के इस काम में मंदसौर के भाजपा नेता मुकेश गिरि गोस्वामी का भाई ओम गिरि गोस्वामी मध्यस्थ बना था। सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर मध्यप्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी। प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज संचालक भी अभी सीबीआई की हिरासत में हैं। इनसे पूछताछ में महत्वपूर्ण सूत्र मिले हैं। इस मामले में जल्दी ही कुछ और गिरफ्तारी भी होगी।
कालेजों के पक्ष में रिपोर्ट देने के नाम पर CBI Inspector ने की वसूली
रिश्वतखोर ( CBI Inspector ) राहुल राज के पास इंदौर-उज्जैन क्षेत्र के नर्सिंग कॉलेजों की जांच का जिम्मा था। उसने सबसे पहले उन नर्सिंग कॉलेजों को निशाने पर लिया, जो किसी भी आर्हता को पूरा नहीं कर रहे थे और इन्हें सीबीआई जांच में भी कॉलेज संचालन के लिए अनसूटेबल पाया गया था। इनके पक्ष में रिपोर्ट देने के नाम पर किसी से 10 लाख तो किसी से 25 लाख रुपए तक लिए गए। राहुल और कॉलेज संचालकों के बीच लेन-देन में ओम गिरि गोस्वामी मध्यस्थ बना था। वही कॉलेज संचालकों को राहुल से मिलवाता था। सूत्रों के मुताबिक राहुल एक महिला के साथ इंदौर आता था। वह जहां ठहरता था, वहीं कॉलेज संचालकों को तलब करता और उनसे बहुत बदतमीजी से बात करते हुए डराता-धमकाता था। उसने पहले जांच के नाम पर कॉलेज संचालकों पर दबाव बनाया, उनसे दस्तावेज मांगे और कुछ जगह मुआयना करने भी पहुंचा। बाद में उसने इनसे पैसा ऐंठना शुरू किया और गोस्वामी की मध्यस्थता में एक-एक कॉलेज से 10-10 लाख रुपए वसूले गए। इसके एवज में उन्हें क्लीन चिट देने की बात कही गई थी। राहुल पैसे का सारा लेन-देन गोस्वामी के माध्यम से ही करता था। इंदौर के दो कॉलेज संचालक रवि भदौरिया और कमल हिरानी उसके सहायक की भूमिका में रहते थे।