मप्र के कर्मचारीयों को एक-दो महीने में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है सरकार इस पर जल्द ही मोहर लगा सकती है।
भोपाल – मप्र के कर्मचारी लम्बे समय से सामूहिक स्वास्थ्य बीमा का इंतज़ार कर रहे थे, जिसे जनवरी 2023 से लागू होना था लेकिन कर्मचारियों के वेतन से काटे जाने वाले अंशदान को लेकर फिलहाल सहमति नहीं बन पा रही है। लेकिन सरकार की तरफ से इसके लिए प्रारूप भी तैयार कर लिया गया। जिसमें प्रथम श्रेणी अधिकारी के वेतन से ₹1000 जबकि द्वितीय श्रेणी से ₹700, तृतीया श्रेणी 500 सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से ₹400 अंशदान काटने का प्रावधान किया गया था। फिलहाल कर्मचारियों के वेतन से काटे जाने की जानकारी जाने को लेकर कर्मचारी संघ द्वारा इसकी सहमति नहीं बन पाई है।
यह मामला करीब 4 साल से लंबित है , इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात हो चुकी है वहीं सूत्रों की माने तो योजना में कर्मचारी का अंशदान बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए कर्मचारी तैयार नहीं है। कर्मचारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस बारे में पत्र लिख चुके हैं।
करीब 40 करोड़ रुपए हर साल बीमा कंपनी को प्रीमियम के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बदले बीमा कंपनी प्रदेश प्रदेश के बाहर के बड़े निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की व्यवस्था करेगी। यह प्रस्ताव करीब 4 साल से लंबित पड़ा हुआ है। जिस पर फिलहाल सरकार द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है।