स्वतंत्र समय, राजकोट
राजकोट टीआरपी गेम जोन हादसे ( Rajkot Game Zone Incident ) की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट महानगरपालिका प्रशासन को जमकर फटकर लगाई। कोर्ट ने कहा- बच्चों समेत 28 लोगों की मौत के बाद आपको अब पता चल रहा है कि शहर में दो गेमिंग जोन बिना परमिशन के चल रहे हैं। क्या आप अंधे हो गए हैं, या फिर सो रहे हैं?
Rajkot Game Zone Incident रविवार को भी सुनवाई की
राजकोट में गेमिंग सेंटर अनधिकृत परिसर में बनाया गया था और फायर सेफ्टी की एनओसी भी नहीं थी और यह सब कुछ पिछले चार साल से चल रहा था। अब हमें नगर प्रशासन और गुजरात सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं रहा। कोर्ट ने कहा- यह त्रासदी आंखें खोलने वाली है, सबसे दुखद बात यह है कि इसमें मासूम बच्चों की भी मौत हुई है। गुजरात हाईकोर्ट ने 26 मई 2024 को राजकोट टीआरपी गेम जोन हादसे ( Rajkot Game Zone Incident ) पर एक्शन लेकर सुनवाई शुरू की थी। हाईकोर्ट ने रविवार को भी सुनवाई की। विशेष जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच बैठी थी। हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी और अधिवक्ता अमित पांचाल ने दलीलें दीं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में गेम जोन के नियमों पर दलीलें पेश करने का आदेश दिया था।
बिना अनुमति चल रहा था गेम जोन
राजकोट पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि टीआरपी गेम जोन को कोई इजाजत नहीं दी गई थी। कोर्ट ने पुलिस और नगर निगम से 3 जून तक हलफनामा देने को कहा है। 6 जून से इस केस की सुनवाई शुरू होगी। उधर, गुजरात सरकार ने सोमवार को घटना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें राजकोट महानगरपालिका कॉपोर्रेशन (आरएमसी) के असिस्टेंट प्लानर, असिस्टेंट इंजीनियर, रोड्स एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के दो डिप्टी इंजीनियर और दो थानों के पुलिस इंस्पेक्टर शामिल हैं।