स्वतंत्र समय, भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) ने भी अपने आवास पर शुक्रवार को मीडिया से चर्चा की और 30 मई को पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र सार्वजनिक कर दिया। जिसमें नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाडेÞ में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को जांच के दायरे में लेने की मांग की है। उन्होंने कहा- फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई की एसआईटी बनाकर हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करानी चाहिए।
Digvijay Singh ने कहा चिकित्सा शिक्षा विभाग सबसे भ्रष्ट विभाग
अपने निवास पर मीडिया से चर्चा में दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) ने कहा-आजकल मध्य प्रदेश सरकार का चिकित्सा शिक्षा विभाग सबसे ज्यादा भ्रष्ट विभाग बन चुका है। पहले व्यापमं, उसके बाद नंबर 2 नर्सिंग और नंबर 3 अब पैरामेडिकल है। हम लोगों ने पैरामेडिकल काउंसिल बना दी थी। केंद्र सरकार ने राज्यों को नर्सिंग काउंसिल बनाने के अधिकार दे दिए। उनका मनोनयन भी सरकार ने किस तरह किया यह बात मैं नहीं जानता। उन्होंने कहा- जब पूरा देश कोरोना से जूझ रहा था। उस समय चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने 300 फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी थी। जबकि नियम है कि बिल्डिंग 3000 स्क्वायर फिट होना चाहिए, 100 बिस्तर का अस्पताल होना चाहिए। जहां एमएससी नर्सिंग कोर्स है, वहां सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होना चाहिए। उनके साथ-साथ शिक्षकों का मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इन सब चीजों को ताक पर रखकर इन्होंने 300 नर्सिंग कॉलेज खोल दिए थे। जबकि यह नियम राजपत्र में प्रकाशित कर दिए गए थे। उस समय एक काउंटर खुल गया था पैसा दो और नर्सिंग कॉलेज खोलने की मंजूरी लो।