स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
एनडीए ( NDA ) गठबंधन को बहुमत मिलने के साथ ही विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। टीडीपी और जेडीयू सरकार में महत्वपूर्ण विभाग चाहते हैं, वहीं भाजपा स्पीकर का पद लेने की लिए अड़ी हुई है। इस विवाद के चलते मोदी सरकार के शपथ ग्रहण 8 की जगह 9 जून को शाम 6 बजे होगा। उधर, भाजपा संसदीय दल की बैठक शुक्रवार को दिल्ली में बुलाई गई है।
NDA के सहयोगी दलों के 53 सांसदों का समर्थन
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि, एनडीए ( NDA ) ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। एनडीए में भाजपा के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं। गठबंधन में चंद्रबाबू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की जेडीयू12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।
विवाद से जुड़े चेहरे मंत्री पद की लिस्ट से कट सकते हैं
लोकसभा चुनाव में भाजपा के जीते सभी मंत्री इस बार भी रिपीट होंगे। विवाद से जुड़े चेहरों के नाम मंत्री पद की लिस्ट से काटे जा सकते हैं। चुनाव हारीं स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर को पार्टी एक और मौका दे सकती है। इन्हें फिर से मंत्री पद मिल सकता है। दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर अहम बैठक हुई। इसमें अमित शाह और राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में नई सरकार बनाने, भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देने और शपथ ग्रहण की तैयारियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की खबर है।
लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखना चाहती है भाजपा
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा लोकसभा स्पीकर का पद भी अपने पास रखेगी। पहले जेडीयू और टीडीपी के मांगने की खबरें थीं। जेडीयू की नजर रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। वहीं, टीडीपी ने 5 मंत्रालयों और लोकसभा स्पीकर पद की मांग रखी है। इनमें ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय शामिल हैं। टीडीपी वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार भी मांग रही है। आंध्र प्रदेश में फ्री की योजनाओं के चलते आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इसलिए नायडू चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार उन्हें मिले। केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय- गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन और सिविल एविएशन हैं। अकेले बहुमत होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे थे।