स्वतंत्र समय, भोपाल
भाजपा ( BJP ) ने इस बार लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर क्लीन स्वीप किया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीती हुई 66 में से 50 सीटों पर सेंध लगाई है। कांग्रेस अपने खाते की केवल 16 सीटें ही संभाल सकी है। वहीं, भाजपा के कब्जे वाली 163 में से केवल 6 सीटों पर कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई है। चुनाव परिणाम के मंथन के दौरान पार्टी इसकी भी चर्चा करेगी।
कांग्रेस को BJP की 6 और खुद की 16 सीटों पर बढ़त मिली
भाजपा ( BJP ) ने विधानसभा में खुद की जीती 157 सीटें और कांग्रेस की 50 सहित 207 सीटों पर बढ़त हासिल की है। कांग्रेस को भाजपा की 6 सीटों और खुद की जीती हुई 16 सीटों सहित 22 पर बढ़त मिली है। वहीं,भारत आदिवासी पार्टी के कब्जे वाली 1 सीट पर भाजपा की बजाए कांग्रेस लीड लेने में कामयाब रही है। भाजपा की इस जीत की आंधी में कमलनाथ छिंदवाड़ा को तो बचा नहीं पाए, साथ ही लोकसभा में आने वाली सभी सातों सीटों पर भी भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू को लीड मिली है। जबकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन सभी सातों सीटों पर जीत हासिल की थी।
इन विधानसभा सीटों में पिछड़े भाजपा प्रत्याशी
बड़वानी की पानसेमल विधानसभा सीट से श्याम बेर्डे विधायक हैं। ये सीट खरगोन लोकसभा सीट में आती है। यहां से भाजपा के गजेंद्र पटेल सांसद चुने गए हैं। उन्होंने 1.35 लाख वोटों से जीत दर्ज की है। विधायक श्याम बेर्डे 2023 के विधानसभा चुनाव में 13 हजार 442 वोटों से जीते थे, लेकिन उनकी सीट पर गजेंद्र पटेल 5,290 वोटों से पिछड़ गए। इसी तरह भितरवार विधानसभा सीट से मोहन सिंह राठौर विधायक हैं। भाजपा के भारत सिंह कुशवाह 70 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते हैं। राठौर विधानसभा में 22,354 वोटों से चुनाव जीते थे, लेकिन उनकी सीट से भारत सिंह कुशवाह को 5,898 वोट कम मिले। सबलगढ़ विधानसभा सीट से सरला रावत विधायक हैं। वे 9,805 वोटों से विधानसभा चुनाव जीती थीं, लेकिन मुरैना लोकसभा में आने वाली उनकी सीट पर प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर 13 हजार 10 वोटों से पिछड़ गए। वहीं, भिंड की सेंवढ़ा सीट से विधायक प्रदीप जायसवाल स्वयं का चुनाव 2,558 वोटों से जीते थे। लेकिन लोकसभा में भाजपा प्रत्याशी संध्या राय 4,908 वोटों से पिछे रहीं। सीधी की सिंहावल सीट से विधायक विश्वामित्र पाठक खुद 16 हजार 478 वोटों से जीते थे। लेकिन भाजपा के ही लोस प्रत्याशी राजेश मिश्रा 3,943 वोटों से पिछे रहे। उधर,बुरहानपुर सीट से विधायक अर्चना चिटनीस 31 हजार 171 वोटों से चुनाव जीती थीं। उनकी सीट पर लोकसभा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल 7,209 वोटों से पिछड़ गए।
नरोत्तम-बिसेन हारे, मगर लोकसभा में दिलाई जीत
छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया से चुनाव हार गए थे। लोकसभा में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी संध्या राय 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीतीं। बालाघाट सीट पर पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन कांग्रेस की अनुभा मुंजारे से हार गए थे। लोकसभा में भारती पारधी इस विधानसभा सीट से 15 हजार से अधिक वोटों से जीतने में सफल रही हैं। उधर, सैलाना विधानसभा सीट रतलाम में आती है। विधानसभा में यहां से भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार जीते थे। लोकसभा में कांग्रेस ने भाजपा को पछाड़ दिया। यहां से भाजपा के प्रत्याशी को महज 4 हजार वोट मिले, लीड कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को मिली।