स्वतंत्र समय, इंदौर
भंवरकुआं (टन्ट्यां मामा) चौराहा पर इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा करोड़ों की लागत नवीन पलाई ओवर ( flyover ) का निर्माण कार्य कर वाया जा रहा है। जिसमें लंबे समय से मंदिर शिफ्टिंग नहीं होने और एक साइड के बड़े हिस्से में आधे से ज्यादा काम हो जाने के बावजूद मंदिर की गुंबज बाधा बन रही थी। जिसे पिछले महीने मंदिर समिति और प्रशासन की सहमति से बाधा दूर होने के बाद से अब पहले से यहां के काम ने दोगुनी तेजी लाकर पलाई ओवर निर्माण कार्य ने रपतार पकड़ ली है।
भंवरकुआं flyover पिलर निर्माण अंतिम दौर में
बाधक निर्माण हटने के बाद भंवरकुआं चौराहा पर बड़ी-बड़ी मशीनों से और ज्यादा तेजी से काम होने लगा है। यही नहीं चौराहा पर अब दूर से ही पुल की एक साइड के बड़े हिस्से में मजबूती के बन रहे आधार स्तंभ पिलर निर्माण का कार्य भी एकदम अंतिम दौर में है। यही नहीं कहा जा रहा है कि आईडीए यहां भी पिपलियाहाना फ्लाई ओवर की तर्ज पर ब्रिज निर्माण का कार्य तय समय से पहले पूरा कर सकता है। इधर बताते है कि जल्द एक लाइन का काम पूरा होते ही इस और टेस्टिंग कर ट्रैफिक शुरू करने को लेकर दिन रात तेजी से काम करवाया जा रहा है ताकि लोगों को बारिश में बड़ी राहत मिल सकें।
ग्रीन बेल्ट के हिस्से में भी तेजी से हो रहा काम
वहीं खास बात यह है कि भंवरकुआं चौराहा पर आईडीए द्वारा होल्कर कॉलेज के सामने सर्विस रोड़ पर दोनों तरफ के बड़े हिस्से में खुदाई कर काम किया जा रहा है। जिसके चलते वाहन चालकों को चौराहा से आने जाने में परेशानी हो रही है। हालांकि अब धीरे धीरे ज्यादातर बाधाएं क्लियर होने से काम रफ्तार पकडऩे लगा है।
एक नजर में भंवरकुआं चौराहा फ्लाई ओवर निर्माण
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लंबाई : 625 मीटर, 6 लेन
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लागत : 55.77 करोड़
- काम कब शुरू हुआ थाः अक्टूबर 2022 से ब्रिज निर्माण शुरू हुआ।
- काम पूरा होने का लक्ष्यः 18 महीने में काम पूरा करने का था लक्ष्य।
- क्या स्थिति हैः जिसके तहत एक लेन का काम मार्च में जबकि दूसरी लेन का जुलाई तक करना था पूरा लेकिन अभी तक एक लेन पर भी ट्रैफिक शुरू नहीं हो पाया। हालांकि, अफसर जल्द अगले एक से डेढ़ माह में ट्रफिक शुरू करने का दावा कर रहें है। भंवरकुआं चौराहा एजुकेशन हब है।
- क्या होगा फायदाः ब्रिज बनने से रहवासियों के साथ स्टूडेंट्स की समस्या भी दूर होगी।
लवकुश चौरा हे से ग्राम अरण्डया तक 10 किमी का तैयार होगा वैकल्पिक मार्ग
लवकुश चौराहे से बायपास स्थित ग्राम अरण्डया तक करीब दस किलोमीटर का वैकल्पिक मार्ग इंदौर विकास प्राधिकरण तैयार कर रहा है। यह मार्ग एमआर-12 है जिसके बनने के बाद ना सिर्फ उज्जैन और देवास से आने जाने वाला यातायात बगैर किसी बाधा के एबी रोड़, रिंग रोड़ और बायपास की और डायवर्ट हो जाएंगा बल्कि शहर के व्यस्ततम माने जाने वाले प्रमुख चौराहे और मार्ग पर राहत मिलेगी। फिलहाल ढाई किलोमीटर का हिस्सा तैयार हो चुका है। अभी मार्ग के शेष हिस्से में जमीन अधिग्रहण करने की चुनौती भी है। आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक सभी काम समय से पूरे कर लिए जाएंगे।
लवकुश चौराहे से डायवर्ट होगा ट्रैफिक
लवकुश चैराहे से प्रारम्भ होकर बायपास स्थित ग्राम अरण्डया को जोडऩे वाला यह मार्ग आगामी सिंहस्थ में यह वैकल्पिक मार्ग के रूप में सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होगा। सबसे ज्यादा राहत एमआर-10 को मिलेगी जिसका ट्रैफिक लोड़ कम हो जाएगा। इसके अलावा एबी रोड़, बापट चौराहा, विजय नगर आदि व्यस्त मार्ग और चौराहों पर भी ट्रैफिक जमा आदि से मुक्ति मिल जाएंगी।
एक ब्रिज और एक आरओबी भी बनेगा
सीईओ अहिरवार ने बताया कि यह मार्ग 9.25 मीटर लम्बा 60 मीटर चौड़ा रहेगा। इसी मार्ग पर एक रेल ओव्हर ब्रिज एवं कान्ह नदी पर एक हाई लेवल ब्रिज प्रस्तावित है, जिसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जावेगा। मार्ग का निर्माण दोनों ओर से किया जा रहा है। इस प्रकार लगभग 2.5 किलोमीटर का मुख्य मार्ग का निर्माण पूर्ण हो चुका है।