सीहोर जिले के आष्टा के 6 गांव बागेर, अरनिया दाऊद, बापचा, दौनिया, भंवरी और भौंरा। इन सभी के किसानों से इन दिनों यही बातें सुनने को मिल रही हैं। हर गांव की चौपाल पर यही बात हो रही है। हर किसान के चेहरे पर ये ही डर है कि किसी भी दिन उसके खेत उससे छीन लिए जाएंगे।
इन्हीं गांवों की जमीन पर गेल गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया देश का सबसे बड़ा इथेन क्रैकर प्लांट बनाने जा रही है। जो करीब 700 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। इसकी कीमत होगी 60 हजार करोड़ रुपए।
प्रदेश के लिए ये बहुत बड़ी सौगात है। रोजगार बढ़ेगा, इकोनॉमी सुधरेगी, लेकिन इन 6 गांवों के किसान इससे दुःखी है। इसका कारण है प्लांट के लिए जमीनें चुन ली गई है, सीमांकन भी शुरू हो गया है। किस गांव के कितने खेत प्लांट बनाने में आएंगे, ये भी नक्शे पर बन गया है। लेकिन ये बात किसानों को तब पता चली जब अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर सीमांकन करने पहुंचे।
अधिकारी खेतों में उतरे तो किसानों को गुस्सा आ गया। पहले दिन सरकारी जमीन का सीमांकन करने दिया, लेकिन दूसरे दिन जब खेतों की बारी आई तो उन्हें खदेड़ दिया गया। कई महिलाएं भी फांसी लगाने को तैयार हो गई। हालात बिगड़े तो अफसर खेतों में ही अपनी गाड़ियां छोड़ कर चले गए।