स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi )अपनी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। वो इन दोनों सीटों से लोकसभा चुनाव जीते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार 17 जून को इसका ऐलान किया। उन्होंने बताया कि वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, लोकसभा चुनावों से पहले चर्चा चल रही थी कि वो रायबरेली सीट से अपनी मां सोनिया गांधी की जगह चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन पार्टी ने इस सीट से राहुल गांधी को टिकट दिया।
Rahul Gandhi दो सीटों पर लोकसभा चुनाव जीता
कांग्रेस की करीब दो घंटे चली बैठक के बाद ये फैसला लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने दो सीटों पर लोकसभा चुनाव जीता है। जिसके चलते उन्हें एक सीट छोड़नी पड़ेगी। पार्टी ने तय किया है कि राहुल गांधी को रायबरेली की सीट रखनी चाहिए।
प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ेंगी
सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद यह चर्चा चल रही थी कि प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi ) वहां से चुनाव लड़ेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस सीट पर राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा। वहीं अमेठी से गांधी परिवार के खास माने जाने किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया गया। ये दोनों सीटें कांग्रेस ने अच्छे वोटों से जीतीं। इस बार यूपी में कांग्रेस और सपा के गठबंधन को अच्छी खासी सफलता मिली है। ऐसे में राहुल गांधी यूपी पर फोकस करेंगे। वहीं प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग काफी समय से पार्टी के भीतर उठ रही थी। अब यह मांग पूरी हुई है।
राहुल की रायबरेली चुनने की वजह
रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार का गढ़ है। गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा UP से ही राजनीति की। पिता राजीव गांधी अमेठी और परदादा जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ते रहे। रायबरेली सीट से मां सोनिया, दादी इंदिरा और दादा फिरोज गांधी सांसद रहे। रायबरेली की जीत इस लिहाज से भी बड़ी है कि परिवार ने अमेठी की खोई सीट भी हासिल कर ली। सोनिया गांधी ने सीट छोड़ते समय रायबरेली की जनता से कहा था- मैं अपना बेटा आपको सौंप रही हूं। परिवार के लोग भी यही चाह रहे थे कि राहुल रायबरेली का प्रतिनिधित्व करें। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी सलाह थी कि राहुल रायबरेली सीट अपने पास रखें। सोनिया ने राहुल को समझाया था कि UP कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए उन्हें रायबरेली अपने पास रखना चाहिए। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव संचालन समिति के एक सदस्य ने बताया था कि CEC की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राहुल रायबरेली सीट पर बने रहें।
कोई व्यक्ति एक साथ दो सदनों का सदस्य नहीं हो सकता
संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि 2 सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं।
लोकसभा सीट छोड़ने के ये हैं नियम
- अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है।
- नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी इलेक्शन कमीशन को त्यागपत्र सौंपता है।
- इसके बाद इलेक्शन कमीशन रेजिग्नेशन लेटर की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज देता है।