स्वतंत्र समय, भोपाल
आबकारी अमले के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने सोम डिस्टलरी का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया है। डिस्टलरी में बच्चों से काम कराने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खासी नाराजगी जताते हुए चेताया था कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की सबसे बड़ी डिस्टलरी में अगले आदेश तक सील लग गई है।
Som Distillery का लाइसेंस 20 दिन के लिए सस्पेंड
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सख्ती के बाद आबकारी आयुक्त कार्यालय ने बुधवार तीन पेज का आदेश जारी कर सोम डिस्टलरी ( Som Distillery ) का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। सोम डिस्टलरी का लाइसेंस 20 दिन के लिए अथवा श्रम विभाग की जांच रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। बाल श्रम को लेकर प्रदेश में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा 15 मई को मारे गए छापे में सोम डिस्टलरी में 59 बच्चे काम करते मिले थे। मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए रायसेन जिला आबकारी अधिकारी, सोम डिस्टलरी में तैनात तीन आबकारी उप निरीक्षक व एक श्रम निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।
आबकारी विभाग ने मानी सोम की गलती
अपने निलंबन आदेश में आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने साफ माना है कि राष्ट:ीय बाल आयोग के अध्यक्ष के छापे के दौरान सोम डिस्टलरी में 59 बच्चे काम कर रहे थे। इनमें 20 ल?कियां थीं। इनमें से अधिकांश बच्चों की हथेलियां शराब फैक्टरी में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स के कारण गल गई थीं। आबकारी आयुक्त ने इसे नियमों का खुला उल्लंघन भी माना है। नियमानुसार डिस्टलरी में बिना पुलिस सत्यापन के किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। आबकारी आयुक्त द्वारा सोम डिस्टलरी को 16 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इसके जवाब में सोम डिस्टलरी प्रबंधन ने 18 मई को पत्र लिखकर आयुक्त कार्यालय द्वारा मांग गए विस्तृत जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा था। मगर आबकारी विभाग ने सोम की गलती मानते हुए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है।