स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में खनिज से होने वाली राजस्व आय को लेकर आयकर विभाग ( Income Tax ) और खनिज साधन विभाग आमने-सामने आ गए हैं। आयकर विभाग ने डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) और अवैध खनन पर वसूली जाने वाले पेनाल्टी के मामले में मप्र सरकार को नोटिस दिया है। विभाग ने दो अलग-अलग नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जमा राशि और पेनाल्टी की राशि पर टीडीएस की कटौती कर आयकर विभाग के खाते में जमा करने के लिए कहा है। राज्य सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आयकर विभाग का यह नोटिस गलत है। इसके खिलाफ अब राज्य सरकार हाईकोर्ट में याचिका लगाने जा रही है।
Income Tax विभाग ने खनिज विभाग के खातों को होल्ड किया
दरअसल, राज्य सरकार ने जिला खनिज फंड के अंतर्गत हर जिले में डीएमएफ खाते खोल रखे हैं, जो कलेक्टर की देखरेख में संचालित हैं। इन खातों में जमा राशि पर आयकर विभाग ( Income Tax ) ने 2 प्रतिशत टीडीएस काटकर विभाग में जमा करने को कहा। कई जिलों के डीएमएफ खातों को होल्ड कर दिया। जब इसकी जानकारी राज्य सरकार के खनिज साधन विभाग को लगी तो उसने भारत सरकार के नियमों का हवाला देते हुए आयकर विभाग को पत्र लिखते हुए डीएमएफ के खाते में जमा राशि पर भारत सरकार द्वारा छूट दिए जाने का उल्लेख किया है। इस पर टीडीएस काटने का सवाल ही नहीं उठता है। राज्य सरकार के पत्र के बाद खातों से होल्ड तो हटा लिया गया है, लेकिन इनकम टैक्स अभी भी टीडीएस की मांग कर रहा है। इसको लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टरों और माइनिंग अफसरों को नोटिस जारी किए गए हैं।
आयकर पेनाल्टी पर भी मांग रहे टीडीएस
आयकर विभाग ने खनिज साधन विभाग को भेजे एक अन्य नोटिस में कहा है कि राज्य सरकार अवैध खनिज उत्खनन व परिवहन के मामले में जो पेनाल्टी लगाती है, उस पेनाल्टी से जमा कराई जाने वाली राशि में से 2 प्रतिशत टीडीएस काटकर आयकर विभाग में जमा किया जाए। खनिज विभाग ने इसे भी नियमों के अनुरूप न बताते हुए कहा है कि पेनाल्टी पर टीडीएस काटने और जमा करने का प्रावधान नहीं है। इन दोनों मामलों को लेकर आयकर विभाग और खनिज साधन विभाग में ठन गई हैं। इसकी पुष्टि करते हुए खनिज साधन विभाग के उप संचालक जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, आयकर विभाग का यह नोटिस नियमों के विरुद्ध है और इसी कारण सरकार इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील करने जा रही है।