स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाला मामले में पहली बड़ी कार्रवाई नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू ( Sunita Shiju ) के खिलाफ की गई है। शिजू की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। दागी नर्सिंग कालेजों को इन्हीं के कार्यकाल में मान्यता जारी की गई थी। सीएम मोहन यादव ने सुविधा विहीन कागजी कालेजों को सुटेबल (पात्र) बताने वालों को नौकरी से बाहर करने को कहा था।
Sunita Shiju की सेवा समाप्ति का आदेश शुक्रवार को जारी
सीएम के आदेश पर अमल करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की सेवा समाप्ति का आदेश शुक्रवार को जारी किया है। पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालय दतिया में स्टाफ नर्स के पद पर पदस्थ हैं। शासन द्वारा कराई जांच में उन्हें नर्सिंग कौंसिल में पदस्थी के दौरान अयोग्य नर्सिंग कालेजों को मान्यता देने के मामले में कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही का दोषी माना गया है। नौकरी से बर्खास्त होने वाली सुनीता शिजू 22 सितंबर 2021 से 24 अगस्त 2022 तक रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसलि के पद पर पदस्थ थीं। सीबीआई जांच में गड़बड़ी सामने आने पर डीन जीएमसी भोपाल द्वारा उन्हें 20 जुलाई तथा 04 अगस्त 2023 को आरोप पत्र जारी किए गए थे। मामला में गंभीर खुलासे होने पर विभागीय जांच भी शुरू की गई थी। सुनीता शिजू द्वारा पदस्थी अवधि के दौरान जाँच की गई।
52 दागियों पर गिरना है गाज
सीएम यादव की सख्ती के बाद स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री शुक्ल ने भी जांच में दोषी पाए गए लोगों को सेवा से बर्खास्त करने को कहा था। सीबीआई जांच में 66 कालेजों के नाम सामने आए थे, जिन्हें अपात्र होने के बाद भी नर्सिंग काउंसिल द्वारा मान्यता जारी की गई थी। अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में सुविधाहीन कालेजों को भी सुपात्र बताने वालों की सूची में 52 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। विभागीय जांच पूरी होते ही एक-एक कर सभी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।