इंदौर। शासन की महत्वपूर्ण रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी क्षेत्र में बन रहे ग्रिडों का काम समय पर पूरा करने के लिए प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर के आदेशानुसार प्रत्येक जिले में अधीक्षण अभियंता सतत समीक्षा कर रहे है। इंदौर जिले के अंतिम छोर पर कम्पेल वितरण केंद्र के पिवड़ाय ग्राम के पास स्थित गंगाडेम में 33/11 केवी के ग्रिड के निर्माण में बाधा बन रही कठोर चट्टान को बोरिंग मशीन की मदद से काटकर हटाना पड़ा। जिले में इस तरह ग्रिड की बाधा को दूर करने में बोरिंग मशीन लगाने का पहला मामला है।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री श्री सुधीर आचार्य ने बताया कि देवास जिले की सीमा के पास स्थित ग्रिड को निर्माण में हार्ड रॉक (कठोर चट्टान) बाधा थी। स्थानीय मजदूरों, ट्रैक्टर, छोटे कटर, जेसीबी मशीन व अन्य उपकरणों की मदद से यहां ग्रिड के लिए खुदाई के पांच/छः बार प्रयास किए, लेकिन कठोर चट्टान के आगे सभी प्रयास विफल हुए। अधीक्षण यंत्री श्री आचार्य ने बताया कि अंतिम विकल्प के रूप में गत दिनों कार्यपालन यंत्री अभिषेक रंजन को भेजा गया, इसके बार दक्षिण भारत के बोरिंग मशीन ऑपरेटरों के जगह दिखाई गई, इसके बाद कठोर चट्टानों का काटने का कार्य किया।
यहां 33/11 केवी के ग्रिड के लिए बोरिंग मशीन की मदद से कठोर चट्टान काटकर 52 विशाल गड्ढे किए गए है। इसके बाद ग्रिड का तेजी से निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। श्री आचार्य ने बताया कि दो करोड़ रूपए की लागत के नए ग्रिड से यहां 650 किसान उपभोक्ताओं समेत कुल 3 हजार उपभोक्ताओं, करीब 15 हजार ग्रामीण जनता के लिए पहले ज्यादा गुणवत्ता के साथ बिजली मिलेगी। यहां के 33/11 केवी ग्रिड की कनेक्टिविटी कुछ दिनों बाद अति उच्चदाब श्रेणी के सिवनी 132 केवी ग्रिड से हो जाएगी।