भारत में जुलाई 2015 से जून 2016 और अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक विनिर्माण क्षेत्र के 18 लाख असंगठित उद्योग बंद हुए है। इन असंगठित उद्योगों में काम करने वाले 54 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं। हाल में जारी ‘असंगठित क्षेत्र के उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण’ की फैक्ट शीट और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2015-16 में किए गए 73वें दौर के सर्वेक्षण के तुलनात्मक विश्लेषण से यह बात सामने आई है।
अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच विनिर्माण क्षेत्र में करीब 178.2 लाख असंगठित इकाइयां काम कर रही थीं, जो जुलाई 2015 से जून 2016 के बीच काम कर रहीं 197 लाख असंगठित इकाइयों की तुलना में करीब 9.3 प्रतिशत कम हैं। इसी तरह से इन प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों की संख्या भी 15 प्रतिशत कम होकर 3.06 करोड़ रह गई है, जो पहले 3.604 करोड़ थी।
15 जून को खबर आई थी कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में महामारी में जो कर्मचारियों की संख्या का निचला स्तर था, उसकी तुलना में अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच 1.17 करोड़ कामगार शामिल हुए हैं, और भारत के व्यापक अनौपचारिक क्षेत्र में कुल कर्मचारियों की संख्या 10.96 करोड़ हो गई है, लेकिन यह संख्या अभी भी महामारी के पहले की तुलना में कम है।
आंकड़ों के विश्लेषण में यह भी पता चला है कि ट्रेडिंग सेक्टर में अनिगमित प्रतिष्ठानों की संख्या 2 प्रतिशत कम होकर अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच 2.25 करोड़ रह गई है, जो जुलाई 2015 से जून 2016 के में 2.305 करोड़ थी। हालांकि इस दौरान इस सेक्टर में कामगारों की संख्या मामूली बढ़कर 3.87 करोड़ से बढ़कर 3.90 करोड़ हो गई है।