स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
गोवा तक सड़क मार्ग से जाने के लिए 802 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे ( Expressway ) बना रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण काम भी लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा। गोवा के सफर को आसान और खूबसूरत बनाने के लिए महाराष्ट्र स्टेट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने बड़ा प्लान बनाया है।
इसका नाम नागपुर-गोवा शक्तिपीठ Expressway रखा है
यह एक्सप्रेस-वे नागपुर से गोवा तक बनाया जा रहा और इसका नाम नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे ( Expressway ) रखा गया है। नागपुर-गोवा एक्सप्रेस-वे को शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह आपको 3 शक्तिपीठों के भी दर्शन कराता है। 6 लेन के इस एक्सप्रेस-वे को 2028-29 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट को सितंबर 2022 में प्रस्तावित किया गया था और मार्च, 2023 में इसे बनाने की मंजूरी मिल गई। तब से अब तक भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 83,600 करोड़ रुपए आने का अनुमान है।
सफर में बचेंगे 13 घंटे…, अभी लगते हैं 21
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा सफर में लगने वाले समय का होगा। अभी दोनों शहरों के बीच आने-जाने के लिए मुंबई और पुणे जैसे हैवी ट्रैफिक वाले शहरों को पार करना पड़ता है। लिहाजा इस दूरी को तय करने में 21 घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। 802 किलोमीटर का एक्सप्रेस-वे तैयार हो जाने के बाद इस दूरी को महज 8 घंटे में तय किया जा सकेगा। जाहिर है कि सफर में आपके करीब 13 घंटे बचेंगे।
एक रास्ते से 3 शक्तिपीठ के दर्शन होंगे
नागपुर-गोवा एक्सप्रेस-वे इसलिए भी खास माना जा रहा है कि यह अकेला रास्ता आपको 3 शक्तिपीठों के दर्शन भी कराएगा। इसमें महालक्ष्मी शक्तिपीठ है जिसे स्कंद पुराण के हिसाब से 18 महा शक्तिपीठ में शामिल किया गया है। इसके बाद नंबर आता है तुलजा भवानी देवी का जहां भगवती के बाएं शरीर का हिस्सा गिरा था। यह एक्सप्रेस-वे वर्धा जिले के पत्रादेवी शक्तिपीठ को भी लिंक करता है।
गोवा के साथ धार्मिक टूरिज्म भी बढ़ेगा
वैसे तो इस एक्सप्रेसवे को खासतौर से गोवा जाने के लिए बनाया जा रहा है, जहां हर साल लाखों सैलानियों की भीड़ जुटती है। लेकिन, इसे 3 शक्तिपीठों से लिंक करके धार्मिक टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा। एक्सप्रेस-वे के आसपास की जमीनों की कीमत बढऩे के साथ ही यहां औद्योगिक गतिविधियां बढऩे का भी अनुमान है। साथ ही नागपुर और गोवा जैसे शहर जुडऩे से आयात और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।