इंदौर के 15 मैनेजमेंट कॉलेज को डीएवीवी ने बड़ी राहत दी है। जिन्हे आरजीपीवी ने एन मौके पर मान्यता देने से मना कर दिया था। कल 5 जुलाई शुक्रवार को यूनिवर्सिटी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया कि इन कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी। स्टैंडिंग कमेटी ने यह भी सहमति दे दी कि 2024-25 सेशन से नर्सिंग कॉलेज फिर से उसी के अंडर आ जाएंगे। नर्सिंग कॉलेजों जो डीएवीवी डीएवीवी देगी। स्टैंडिंग कमेटी में कई मुद्दों पर बातचीत हुई।
बैठक में कुलपति डॉ. रेणु जैन, रजिस्ट्रार डॉ. अजय वर्मा, डीसीडीसी डॉ. राजीव दीक्षित शामिल थे। पहली बार प्राचार्य मंच के अध्यक्ष राजीव कुमार झालानी व सचिव डॉ. सौरभ पारीक भी आए थे। डॉ. झालानी की ओर से 2017 से लागू किए गए पीएचडी सेवा शुल्क का यह कहते हुए विरोध किया गया कि यह फैसला छात्र हित में नहीं है और वैधानिक रूप से भी सही नहीं है। कॉलेज कोड 28 में योग्य फैकल्टी नहीं मिलने की स्थिति में पीजी में 60% से पास आवेदकों को मान्य किए जाने की बात रखी।