यूक्रेन पर हमले के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस जा रहे है। पुरे विश्व क नजर उनके इस दौरे पर है। प्रधानमंत्री को रूस आने का इनविटेशन खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया था। पुतिन नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं और कई सारी तैयारियां कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और वह 8 एवं 9 जुलाई को मॉस्को में रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को नई दिल्ली में इस उच्च स्तरीय यात्रा के बारे में जानकारी दी थी और कहा था कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा करेंगे तथा आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार करेंगे।
क्यों अहम है पीएम मोदी की यह यात्रा?
रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा को “बहुत आवश्यक” बताया है और कहा है कि यह 3 साल के अंतर के बाद हो रहा है। विनय कुमार ने बताया कि द्विपक्षीय संबंधों में विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करने और आपसी हित के अन्य क्षेत्रीय और महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने के लिए दोनों नेताओं के लिए पीएम मोदी की यात्रा “बहुत आवश्यक” है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों में रूसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच शिखर स्तर की वार्षिक बैठकों के आदान-प्रदान की परंपरा है और बताया कि आखिरी बैठक 2021 में हुई थी। तब से, विश्व में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन हमारे संबंधों का भी विस्तार हुआ है। डिफेंस सेक्टर दोनों देशों के रिश्ते का एक बहुत ही आवश्यक स्तंभ है। अब पहले से ही बहुत कुछ किया जा रहा है। हम बातचीत करेंगे और को-प्रोडक्शन की इस प्रवृत्ति को और बढ़ाने पर सोचेंगे। साथ ही इसमें कारोबार, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और अन्य सभी विषयों पर चर्चा होगी।