सात सीटों पर BJP की निगरानी में रहेंगे विधायक

स्वतंत्र समय, भोपाल

महज छह माह के अंदर सात सीटों के बदला मिजाज भारतीय जनता पार्टी  ( BJP ) को हजम नहीं हो रही है। चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि इन सात में पांच सीटों पर छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को 10 हजार से 31 हजार से अधिक वोटों की लीड मिली थी। मगर अब 10 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा है। अब इन सीटों पर विधायकों के साथ ही निशाने पर आए बड़े नेताओं की निगरानी के लिए प्रदेश संगठन किसी सख्त मिजाज पदाधिकारी को भेजने की तैयारी मेें है।

BJP में विधानसभा रिजल्ट की लगातार समीक्षा चल रही

भाजपा ( BJP ) को इसमें अंदर का खेल नजर आ रहा है और पार्टी अब दबे पांव घर के भेदिए को खोज रही है। जल्द ही इन सभी सीटों पर हार में सहयोग करने वालों को गाज गिर सकती है। भाजपा ने वैसे तो इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से सभी 29 सीटें जीतकर अटूट रिकॉर्ड बनाया है। इस जीत का जश्र रविवार को राजधानी में हुई प्रदेश कार्यसमिति में भी दिनभर मंच से मंडप तक रह-रहकर मनता रहा। मगर इन सबके बीच भाजपा में रिजल्ट की लगातार चल रही समीक्षा में सात सीटें नजर चढ़ गई हैं। इनमें तीन सीटें ग्वालियर-चंबल तथा दो सीटें निमाड़ तथा 1-1 सीट महाकौशल व विंध्य की हैं। ग्वालियर चंबल की सबलगढ़, सेंवढ़ा व भितरवार सीट विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खासे अंतर से जीती थीं। इनमें सबसे बड़ा अंतर 22354 वोटों का अंतर भितरवार में था। वहीं महाकौशल की शहपुरा व विंध्य की सिहावल सीट से भी कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले हैं। सिहावल में तो 16 हजार से ज्यादा का अंतर है। वहीं निमाड़ की बुरहानपुर सीट विधानसभा चुनाव में 31 हजार से भाजपा जीती थी। मगर अब लोकसभा में यह सीट हाथ से निकली है। शहपुरा में विधानसभा चुनाव भाजपा ने 5617 वोट से जीती था और लोकसभा में 5117 वोट कम मिले। यानि अंतर डबल का हो गया।

सीट विस की जीत लोस की हार…

सबलगढ़          9805        13085
सेंवढ़ा              2558        4967
भितरवार         22354      5810
सिहावल          16478      3943
शहपुरा            5617        5117
पानसेमल       13442       5290
बुरहानपुर        31171      7209

इधर, भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने बताया कि परिणामों से स्पष्ट है कि हम हारे हैं। क्यों हारे, क्या कारण रहे, इस पर पार्टी विचार कर रही है। क्या समाधान हो सकते हैं, इस पर व्यापक विचार विमर्श किया जा रहा है। निश्चित रूप से इस स्थिति को सुधारने के लिए अपने कार्यक्रमों के माध्यम से यहां फोकस बढ़ाकर जनता के बीच अपनी सक्रियता बढ़ाने का काम संगठन करेगा।