10 जुलाई को सिन्धी पंच मध्यस्थता का एक वर्ष पूर्ण, होली दिवाली दो सप्ताह छोड़कर 50 सप्ताह के 250 दिन सुनवाई पुर्ण

157 आवेदनों में से 124 निराकृत, 33 विचाराधीन शेष है । इनमें 96 दाम्पत्य, 4 पारिवारिक, 16 सम्पति, 26 आर्थिक लेन-देन,11 सामाजिक 4 निरस्त संम्लित है । संस्थापक किशोर कोडवानी ने बताया कि दाम्पत्य विवादों में 60% शारीरिक संबंध, 25% आर्थिक/परिवारिक असमानता, 15 % अन्य कारणों के विवाद सामने आयें है ।

कुटुम्ब न्यायालय मे चल रहें विवादित आवेदनों में 26% सिन्धी समाज से संबंधित पाये गयें है । जबकि जनसंख्या मे 4% समाज जन है । बड़ती विकृति व न्यायालयीन बोझ कम करने के उद्देश्य से सिन्धू मुंहिंज जीजल द्वारा 10 जुलाई से सिन्धी पंच मध्यस्थता व विधिक परामर्श केंद्र कि स्थापना कि गयी ।

यह व्यवस्था मध्यस्थता अधिनियम 2023 के अन्तर्गत व मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (उच्च न्यायालय) के मार्गदर्शन में संचालित कि जा रही है । केंद्र के संवरक्षक मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी, समझौता अधिकारी सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुदेश हासवानी, अधिकृत अधिकारी किशोर दीपक कोडवानी है ।

बहार के एक पक्ष आवेदन :

बैंगलोर, चेन्नई, अहमदाबाद,सुरत, नवसारी, वर्धा,नागपुर, रायपुर, जोधपुर,जयपुर, कोटा, निमच, मन्दसौर, जावरा, रतलाम, उज्जैन, देवास ।

व्यवस्था :

प्रति सप्ताह सोमवार से शुक्रवार प्रतिदिन सांय 5 से 8 के मध्य पुरे वर्ष में 250 दिनों में 124 आवेदनों पर अधिकत्म 12 सप्ताह कि मध्यस्थता से निराकृत किया गयें । शेष 33 आवेदनों पर मध्यस्थता जारी हैं । एक पक्ष इन्दौर से बहार का होने पर 2 दिन में 5-6 विशेष विशेष वैठके आयोजित कि गयी ।
निशुल्क व्यवस्था के साथ अनुपस्थित व देरी पर 500/-व 200/- दण्ड लागु कि गयी है ।

पेनल व्यवस्था :

प्रतिदिन की मध्यस्थता पेनल में महिला, वकिल, आर्थिक, सामाजिक, पंचायत प्रतिनिधी निशुल्क 2 धन्टे सेवाऐ दें रहें है । समय का अनुशासन बनाये रखने के लिए आर्थिक दण्ड लिया जा रहा है ।

विशेष प्रकरण

25% 40 न्यायालय में प्रचलित
75% 117 गैर न्यायालयीन

5 माह से 56 वर्षीय दाम्पत्यों के विवाद

6 आवेदकों के बच्चें बालिग हो गयें मनमुटाव की स्थिति तलाक की स्थिति के आयें । सभी में समझाईश से आर्थिक व रहने खाने का माडल बनाकर समझौता हुआ।

4 आवेदन शादी शुदा दाम्पत्य दुसरा पती या पत्नी के रहें ।

7 आवेदन प्रेम विवाह के दाम्पत्य के निराकृत हुए।

सम्पति विवाद:

16 आवेदनों में से एक परिवार के 5 भाई, 4 बहनें 13 पोते पोती, 3 नाते नाती का रहा । जिसका समझौतों से समाधान हुआ।