नियमित employee : फर्स्ट क्लास में 25 साल की आयु के 19 ही अफसर, सेकंड क्लास में 169

स्वतंत्र समय, भोपाल

सरकारी अमले में नियमित कर्मचारियों ( employee ) की संख्या लगातार घटती जा रही है। खासकर विभागों में 8 साल से प्रमोशन नहीं होने और विभिन्न श्रेणी के पद खाली होने की वजह से सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या घटकर 5 लाख 90 हजार रह गई है, जबकि तीन साल पहले यह संख्या 7 लाख 56 हजार हुआ करती थी। प्रथम श्रेणी में तो 25 साल तक की आयु के सिर्फ 19 ही अधिकारी कार्यरत हैं। वहीं सेकेंड क्लास में 169 अधिकारी काम कर रहे हैं।

नियमित employee की संख्या में कमी आई

संविदा नियुक्ति और आउट सोर्स पर कर्मचारी ( employee ) रखने की नीति के कारण भी नियमित कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है। प्रदेश में 18 से 21 साल की आयु का एक भी युवा प्रथम श्रेणी अफसर नहीं है, जबकि 22 से 25 साल की आयु के 19 अफसर हैं। मप्र में प्रथम श्रेणी के 8,049 अधिकारी कार्यरत हैं, वहीं, सेकेंड क्लास अफसरों की संख्या भी सरकारी भर्तियों में गड़बड़ी, ओबीसी आरक्षण और कई मामले कोर्ट में लंबित रहने की वजह से 38 हजार 432 रह गई है। एक समय मप्र में 7 लाख से अधिक नियमित कर्मचारी और अधिकारी हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या 5 लाख 90 हजार 550 है। इसके पीछे संविदा नियुक्ति और आउट सोर्स पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के कारण भी नियमित कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है। वर्तमान में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती का काम मप्र कर्मचारी चयन मंडल (व्यापमं)द्वारा किया जाता है, जबकि आउट सोर्स पर कर्मचारी रखने का काम सीधे विभागों द्वारा किया जा रहा है।

अमले में महिला और पुरुष की स्थिति…

श्रेणीवार               पुरुष              महिला
प्रथम क्लास        5,669             2,380
सेकेंड क्लास        26,161           12,271
तृतीय क्लास       3,47,651        1,37,277
चतुर्थ श्रेणी         47,183            11, 958

प्रथम श्रेणी के सबसे ज्यादा उच्च शिक्षा में

सरकारी विभागों के आंकडेÞ देखें तो प्रथम श्रेणी के अधिकारियों में सबसे ज्यादा उच्च शिक्षा में 2 हजार 96 अफसर कार्यरत हैं। इसके बाद गृह विभाग में 293 आईपीएस अधिकारी हैं, आदिम जाति कल्याण में 104, स्कूल शिक्षा में 105, स्वास्थ्य में एक हजार 27, राजस्व में 180, फॉरेस्ट में 125, विधि विधायी में 859 और सरकार के अन्य 46 विभाग में 3,260 अधिकारी काम कर रहे हैं।

8 विभागों में 5 लाख, तो 46 में 90 हजार कर्मचारी

प्रशासनिक क्षेत्र में नियोजन को लेकर प्रस्तुत रिपोर्ट में वर्तमान में सबसे ज्यादा कर्मचारी 2 लाख 17 हजार 470 स्कूल शिक्षा विभाग में हैं। इसके बाद पुलिस, होमगार्ड में 95 हजार 923 कर्मचारी हैं। एक समय पुलिस में एक लाख 20 हजार कर्मचारी हुआ करते थे। वहीं जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति में कर्मचारियों की संख्या 65 हजार 626 है, तो स्वास्थ्य विभाग में 47 हजार 760, राजस्व में पटवारी, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि की संख्या 26 हजार 268 है। फॉरेस्ट में यह संख्या 22 हजार से घटकर 18 हजार 747 रह गई है और विधि विधायी विभाग में 17 हजार 498 तथा उच्च शिक्षा में 10 हजार 812 नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। यानि ये सरकार के 8 विभागों की स्थिति है, जबकि बकाया 46 विभागों में 90 हजार 446 कर्मचारी ही कार्यरत हैं।