मेट्रो की योजना में फिर बदलाव किया जा रहा है। एमजी रोड पर उपजे विवाद के बाद 3 नए रूटों को लेकर सर्वे होना है। इससे पहले ही अब इसे खजराना चौराहे से अंडर ग्राउंड करने के आसार तलाशे जा रहे है। दरअसल, केंद्र सरकार ने इसी रूट पर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है इसीलिए मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन के लिए अलाइनमेंट बदलना इतना आसान नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार से फिर से मंजूरी लेने में ज़्यादा वक़्त लग जाएगा। फिर अलग-अलग विभागों से एनओसी, जमीन अधिग्रह, फंडिंग एजेंसी समेत बाकि मामलों में प्रोजेक्ट 3 साल पिछड़ सकता है। वहीं लागत भी 3 गुना तक बढ़ जाएगी।
400 करोड़/किमी लागत आएगी
राेबोट चौराहे से पलासिया तक 5.5 किमी के एलिवेटेड रूट के लिए 550 करोड़ रु. के टेंडर हो चुके थे। यदि रोबोट चौराहे के आगे से ही इसे अंडर ग्राउंड किया जाता है तो सिविल वर्क समेत बाकि कार्यों के लिए प्रति किमी 400 करोड़ रुपए लागत आएगी। यानी लगभग 2 से ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कनाड़िया और एमजी रोड पर व्यापारियों का विरोध
विधानसभा चुनाव के पहले ही कनािड़या और एमजी रोड पर संभावित तोड़फोड़ और कारोबार में नुकसान की संभावनासे चिंतित व्यापारी विरोध कर चुके है। तभी से जनप्रतिनिधि इसका रूट बदलने और इसे रिंग रोड, कृषि कॉलेज की तरफ से ले जाने पर जोर दे रहे थे।
अफसरों का कहना है कि अब अलाइनमेंट बदला नहीं जा सकता है इसलिए प्रोजेक्ट को अंडर ग्राउंड करने के लिए सोच रहे है। लागत का फिर से आकलन किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद जनप्रतिनिधि फैसला लेंगे।