स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्य सचिव द्वारा सीएस ( CS ) मॉनिट में रखे जाने वाले प्रकरणों के निराकरण को लेकर विभाग और अधिकारी गंभीर नहीं हैं। जबकि चार साल से अधिक समय तक इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। अब सीएस वीरा राणा इस मामले में 15 जुलाई से पेंडिंग सीएस मॉनिट की समीक्षा करेंगी।
CS मॉनिट में सबसे अधिक मामले गृह विभाग के
सीएस ( CS ) मॉनिट के सबसे अधिक 518 मामले गृह विभाग के पेंडिंग हैं। इसके बाद नगरीय विकास और आवास विभाग के 274 मामले हैं। सीएस राणा के निर्देश पर 15 जुलाई से 29 जुलाई तक अलग-अलग विभागों की रिव्यू मीटिंग बुलाई गई है। इसमें विभागों से सीएस मॉनिट के मामलों में निराकरण में होने वाली देरी का कारण पूछा जाएगा। साथ ही इसके जल्द से जल्द निराकरण के लिए कहा जाएगा। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के पास विधायक, सांसद के अलावा विभिन्न विभागों से संबंधित ऐसे मामले आते है जिनके निराकरण को प्रायरिटी दी जाती है और वे लोकहित से जुड़े होते हैं। ऐसे मामलों को सीएम या सीएस मानिट में शामिल किया जाता है और इसके लिए एक अलग सेल सीएम और सीएस मानिट की बनी हुई है। इसमें अत्यधिक प्रायरिर्टी वाले केस को ए प्लस, उससे कम प्राथमिकता वाले को ए, फिर बी और सी कैटेगरी मेंं शमिल किया जाता है।
किस विभाग में कितने सीएस मानिट…
- गृह विभाग-518
- नगरीय विकास और आवास विभाग-274
- लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा-252
- राजस्व विभाग-199
- सामान्य प्रशासन विभाग-187
- जीएडी मानव अधिकार-102
- औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन-85
- पर्यटन विभाग-83
इस तरह के मामले पेंडिंग…
- केन बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व को 5478 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई गई है। इस मामले में प्रभावित 21 गांवों की संपत्ति का सर्वे पूरा कर लिया गया है पर भू अर्जन और पुनर्वास प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
- पांच साल पहले सीबीआई ने व्यापमं स्कैम में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग ग्वालियर से चंबल निरीक्षण गृह, चंबल कालोनी ठाठीपुर के विश्राम भवन को उपयोग में लिया था। इसके लिए सीबीआई से किराया जमा कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है पर कार्रवाई पेंडिंग है।
- सांसद दिग्विजय सिंह ने टेम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी जिला विदिशा के डूब प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों बेरागढ़ मुंडेला, धीरगढ़ के प्रभावित लोगों को भूअर्जन और पुनर्वास का मामला उठाया था। इन किसानोंं को अब तक अवार्ड पारित होने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है।
- सीबीआई ने मंदसौर जिले के गांधी सागर बांध और विद्युत परियोजना को लेकर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग से जानकारी मांगी है जो एक साल बाद भी नहीं दी जा सकी है।