दो माह में दूसरा चुनाव हारे Kamalnath… हाथ से एक और सीट निकली

स्वतंत्र समय, भोपाल

छिंदवाड़ा अब घोषित रूप से पूर्व सीएम कमलनाथ ( Kamalnath ) का गढ़ नहीं रहा। दो महीने के अंतराल में नाथ दूसरा चुनाव अपने गढ़ में हार गए। अमरवाड़ा विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और कमलनाथ से छीन ली है।

Kamalnath  की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था

उपचुनाव में अमरवाड़ा सीट को पूर्व सीएम कमलनाथ ( Kamalnath ) की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था। में भाजपा की रणनीति को नाथ के साथ मिलकर पूरी कांग्रेस भी भेद नहीं पाई। कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायक कमलेश शाह ने 3 हजार 21 वोट से जीत हासिल की है। सात में से चार मंडलों में भाजपा विजयी रही। अमरवाड़ा उपचुनाव की काउंटिंग रिजल्ट शनिवार को हुई। प्रत्याशी बनाए गए धीरन शाह इनवाती भी कांग्रेस की हार को नहीं टाल सके। हालांकि 20 राउंड की काउंटिंग में अधिकांश समय कांग्रेस को ही उछलने का मौका मिला। मगर 17वें राउंड में फिर भाजपा का खाता खुला और कमलेश शाह 3021 वोटों से जीत गए। इस सीट को पूर्व सीएम कमलनाथ की प्रतिष्ठा से जोडक़र देखा जा रहा था। यही वजह थी कि उन्हें हाईकमान ने फ्री हैंड दे रखा था। प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार की कमान वे ही संभाले रहे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के अलावा कोई नेता वहां नहीं पहुंचा। दूसरी ओर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। सीएम मोहन यादव लगातार वहां के दौरे करते रहे। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद भी बूथ स्तर तक बैठक लेते रहे। इस जीत के साथ ही कमलेश शाह का सरकार में राज्यमंत्री बनना भी तय हो गया है। भाजपा ने यही वादा उनसे किया था।

जमकर मना जश्न

इस जीत का जश्न भाजपा ने अमरवाड़ा से लेकर भोपाल तक मनाया। प्रदेश कार्यालय में दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल मौजूद रहे। दोनों की मौजूदगी में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ढोल-ढमाके और आतिशबाजी कर जीत की खुशी मनाई। इस मौके पर भाजपा महामंत्री भगवानदास सबनानी, राघवेंद्र शर्मा, सीमा सिंह, मीडिया प्रमुख आशीष अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

सीएम बोले- जनता के भरोसे की जीत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अमरवाड़ा उपचुनाव में मिली जीत को जनता के भरोसे की जीत बताया। उन्होंने कहा जनता सरकार और संगठन पर भरोसा जता रही है। मैं मुंबई में हूं, लेकिन मन कर रहा है कि कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर जश्न मनाऊं।