यह भोपाल से 65 किमी दूर विदिशा का ऐतिहासिक विजय मंदिर है। इसे औरंगजेब ने साल 1682 में तोपों से उड़वा दिया था। अब मप्र सरकार इसे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में संवारेगी। सदियों से मलबे और मिट्टी के टीले में दबा यह मंदिर 1992 में आई बाढ़ में सामने आया था। स्थानीय इतिहासकार कैलाश देवरिया ने बताया – 10वीं सदी में चालुक्य राजवंश के महामंत्री वाचस्पति ने प्रतिहारों पर विजय के प्रतीक के रूप में मंदिर बनवाया था। यह चालुक्यों की कुलदेवी भिल्लस्वामिनी को समर्पित है। प्रांगण में कोणार्क की तर्ज पर सूर्य मंदिर भी था। 1024 में इल्तुतमिश ने मंदिर पर आक्रमण कराया। अलबरूनी ने लिखा कि मंदिर 315 फीट ऊंचा था।
एएसआई के साथ मिलकर विकसित करेंगे : मंत्री
मध्य प्रदेश के संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि विजयपुर जैसे मंदिरों और प्रसिद्ध स्थलों का जीर्णोद्धार करने की तैयारी चल रही है। एएसआई के साथ मिलकर इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे।