स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ( CBI ) को जांच करने से पहले राज्य सरकार की लिखित अनुमति लेनी होगी। मतलब बिना राज्य सरकार की इजाजत के सीबीआई कोई जांच नहीं कर पाएगी। गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। 1 जुलाई से ही यह व्यवस्था प्रभावशील मानी जाएगी।
CBI को राज्य सरकार से सहमति लेनी होगी
केन्द्र सरकार, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों द्वारा किए गए (चाहे वे अलग से काम कर रहे हों,या केन्द्र सरकार या फिर केन्द्र सरकार के उपक्रमो के कर्मचारियों के साथ मिलकर) समय-समय पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 के अधीन अधिसूचित अपराधों या अपराधों की श्रेणियों की जांच के लिए संपूर्ण मप्र राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए अपनी सहमति दी है। मप्र शासन द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में ऐसी कोई जांच राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं की जाएगी। मप्र में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ( CBI ) पर किन्हीं भी अपराधों के लिए पिछली सभी सामान्य सहमति और राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य अपराध के लिए मामले -दर-मामले के आधार पर दी गई सहमति भी लागू रहेगी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने लगाई थी याचिका
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को अपने क्षेत्राधिकार के भीतर जांच के लिए दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम की धारा 6 के तहत सीबीआई को मिली पूर्व सहमति वापस ले ली थी। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि केंद्रीय एजेंसी से राज्य द्वारा सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई कई मामलों में जांच कर रही है, वह भी बिना हमारी मंजूरी लिए बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 का हवाला देते हुए याचिका दाखिल की थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का जिक्र है। इसके मुताबिक केंद्र और राज्यों के बीच के मामलों की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में की जाती है।
सीबीआई को कैसे दिया जाता है केस
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित राज्यों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।
सीबीआई को 4 तरह से केस दिए जाते हैं…
- केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे।
- हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे।
- राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे।
- किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इस केस को भी सरकार ही तय करती है।