मप्र में Kavad Marg पर दुकान मालिकों के लिए नाम लिखना जरूरी नहीं

स्वतंत्र समय, भोपाल

उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा मार्ग ( Kavad Marg ) पर दुकान मालिकों के लिए बोर्ड पर नाम लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। उप्र की योगी सरकार के इस फैसले पर पूरे देश में बहस छिड़ी है। मप्र में भी कुछ राजनेताओं व संगठनों द्वारा इस आशय की मांग उठाई गई है। वहीं विपक्षी दल उप्र सरकार के इस आदेश को संविधान का उल्लंघन बता रहे हैं।

Kavad Marg में दुकान मालिकों का नाम लिखने कोई आदेश नहीं

मप्र सरकार के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नगरीय क्षेत्र अंतर्गत कावड़ यात्रियों के मार्ग ( Kavad Marg ) में आने वाली दुकानों के बोर्ड पर दुकान मालिक के नाम लिखने संबंधित कोई भी निर्देश विभाग द्वारा या शासन स्तर पर जारी नहीं किए गए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने कहा कि कुछ निकायों से इस तरह की खबरें आ रही थीं कि वहां कावड़ यात्रियों के मार्ग में दुकानों पर दुकान मालिक के नाम अनिवार्य रूप से लिखवाए जा रहे हैं। विभाग ने समस्त नगरीय निकायों को निर्देश दिए कि इस तरह के भ्रम से दूर रहें। मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 के तहत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं। इन बोर्डों पर दुकान मालिक का नाम प्रदर्शित करने की कोई अनिवार्यता नहीं है।

अंग्रेजों जैसा तांडव कर रही है भाजपा सरकार, अति का अंत करीब: जीतू

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश में दो अलग-अलग तरह के कानून चलने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की कोठी की नपाई से तमतमाए पीसीसी चीफ ने कहाकि ऐसी कोई विधानसभा नहीं है जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दोहरे व्यवहार न किया जा रहा हो। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दमन करने सरकार अंग्रेजों जैसा तांडव कर रही है। पीसीसी चीफ पटवारी ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहाकि प्रदेश में दबंगों के लिए अलग कानून है तो दलित, अल्पसंख्यक के लिए अलग। हर अति का अंत जरूरत होता है। प्रदेश में अब अति हो रही है। कांग्रेस दलित-शोषितों और अल्पसंख्यकों की आवाज बनकर कानून तोडऩे वाले प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों के अदालत की शरण भी लेगी। पटवारी ने कहा कि भाजपा राज में एजेंडे के तहत कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। भिण्ड कलेक्टर ने हत्या करने वाले एक व्यक्ति का मकान तोड़ा वहीं दूसरे अपराधी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद ङ्क्षसह पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। यह नफरत और बदले का अहसास कराता है। हम कह सकते हैं कि प्रदेश का भविष्य सुरक्षित नहीं है।
सरकार के इस दोहरे व्यवहार के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में भी सीधी लड़ाई का प्रस्ताव पारित किया गया है। पीसीसी चीफ ने भिंड, बड़ामलहरा, सागर की घटनाओं का हवाला देते हुए भी प्रदेश में दलित अत्याचार पर चिंता जताई। इस दौरान मीडिया विभाग के प्रमुख मुकेश नायक भी मौजूद थे।
पार्टी छोडऩे वालों को नहीं मिलेगी वापसी, कमेटी बनेगी
पीसीसी चीफ ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहाकि पार्टी छोडक़र धोखा देने वालों को अब कांग्रेस में वापसी नहीं दी जाएगी। किसे वापस लेना है और किसे नहीं, इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा। यही कमेटी पार्टी छोडक़र गए नेताओं व कार्यकर्ताओं की कांग्रेस में वापसी पर निर्णय लेगी।