कर्नाटक में आईटी कंपनियों ने राज्य सरकार से काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे 14 Hour workday करने का अनुरोध किया है। मौजूदा वक़्त में कर्मचारियों से ज़्यादातर 12 घंटे तक काम करवाने की इजाज़त है, जिसमें 10 नियमित घंटे और 2 घंटे का ओवरटाइम जुड़ा है।
लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, जो कर्मचारी वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें सप्ताह के 70 घंटे तक काम करने के लिए कहा जा सकता है।
कर्मचारियों ने की आलोचना
जैसी ही इस प्रस्ताव की खबर ऑनलाइल फैली, इस पर कर्मचारियों की ओर से नकरात्मक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी निराशा जताई है। कई लोगों ने इस प्रस्ताव की ‘अमानवीय’ कहकर आलोचना की है, उन्हें डर है कि इससे उनके स्वास्थ पर बुरा असर पड़ेगा और नौकरियों में कटौती हो सकती है।
एक-तिहाई कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी
एक बयान में KITU जनरल सेक्रेटरी सुहास अडिगा ने मनीकंट्रोल को कहा कि यह संशोधन कंपनियों को मौजूदा 3 -शिफ्ट सिस्टम के बजाय 2 शिफ्ट सिस्टम अपनाने की इजाज़त देगा, जिससे 1 तिहाई कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कर्नाटक सरकार, कॉर्पोरेट हितों को खुश करने की उत्सुकता में लोगों के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है।