युवाओं की लाइफस्टाइल, पूरी अर्थव्यवस्था का कबाड़ा !

-रवि लोहिया (न्यूज़ विश्लेषक)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया | इस सर्वेक्षण में देश की आर्थिक प्रगति को लेकर तमाम बातें कही गई हैं | आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर एक नजर में इसे देखने पर मालूम होता है कि भारत की विकास दर बीते वर्ष 2023-24 में 8.2 फ़ीसदी की दर से बढ़ी है | इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और लोगों की आमदनी बढ़ने की संभावना है | मुद्रास्फीति (महंगाई दर) 5.4 फ़ीसदी तक घट गई है, जिससे रोजमर्रा की चीजों की कीमतें स्थिर रह सकती हैं | राजकोषीय घाटा भी नीचे आया है |

वित्त मंत्री द्वारा एक सबसे मजेदार बात देश की युवा आबादी के लाइफ स्टाइल को लेकर कही गई है| किसी आर्थिक सर्वेक्षण में संभवतः पहली बार इस विषय पर बात कही गई | इससे पता चलता है कि सरकार देश के युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंतत है | ऐसे में मंगलवार को पेश होने वाले आम बजट में सरकार भारतीय खाने-पीने की चीजों को बढ़ावा देने के लिए किसी प्रोत्साहन की घोषणा कर सकती है | सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा वक्त में युवाओं की लाइफस्टाइल पूरी अर्थव्यवस्था का कबाड़ा निकाल सकती है | सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल, मोबाइल-कंप्यूटर पर ज्यादा समय बिताने, देर तक बैठे रहने और घटिया खाने की वजह से युवाओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है |

सर्वेक्षण के मुताबिक कामकाजी आबादी के लिए स्कील के साथ अच्छी सेहत बहुत जरूरी है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है | इससे उनकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित हो रही है, साथ ही इससे देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है | युवाओं की इस खराब आदत में प्राइवेट सेक्टर का भी बड़ा योगदान है | सर्वेक्षण में यह सुझाया गया है कि देश की परंपरागत लाइफस्टाइल, खानपान और रेसिपी सबसे उत्तम है | इससे इंसान स्वस्थ रहने के साथ प्रकृति और पर्यावरण के साथ भी तालमेल बैठा सकेगा |

सर्वे में एआई के असर को लेकर भी बात कही गई है | भविष्य में काम के तौर-तरीकों को लेकर सबसे बड़ा बदलाव एआई में तेजी से हो रही वृद्धि है | वास्तव में यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यापक स्तर पर बदलाव लाने की स्थिति में है | भारत इस बदलाव से अछूता नहीं रहेगा, एआई को बिजली और इंटरनेट की तरह एक सामान्य उद्देश्य वाली तकनीक के रूप में मान्यता दी जा रही है|