स्वतंत्र समय, इंदौर
नगर निगम के द्वारा संपत्ति कर, जलकर और कचरा परिवहन शुल्क में वृद्धि ( Corporation ) करने के प्रस्ताव पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव अलग-थलग पड़ गए हैं। भाजपा के विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध कर जनता पर बोझ बढ़ाने के इस मामले की गेंद महापौर के ही पाले में डाल दी है। भारतीय जनता पार्टी के इंदौर के कोर ग्रुप की बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव के द्वारा इंदौर नगर निगम की ओर से टैक्स वृद्धि करने के प्रस्ताव पर सदस्यों से सहमति चाही गई। जैसे ही इस बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई वैसे ही सारे विधायक भडक़ गए। अधिकांश विधायकों के द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया गया।
सड़कों के गड्ढे भी नहीं भर पा रहा Corporation
विधायकों का कहना था कि नगर निगम ( Corporation ) लोगों को पर्याप्त पानी दे नहीं पा रहा है, सड़क के गड्ढे भर नहीं पा रहा है, आवश्यक विकास कार्य हो नहीं पा रहे हैं। ऐसे में और टैक्स की वृद्धि करके हम क्या संदेश देना चाहते हैं। महापौर की ओर से नगर निगम की खराब माली हालत की जानकारी देते हुए निगम को बेहतर आर्थिक स्थिति में लाने के लिए टैक्स वृद्धि को आवश्यक बताया गया।
संगठन को कर देंगे आगे
इस मामले में भाजपा के अंदर ही एकमत नहीं बन पाने की स्थिति को दूर करने के लिए संगठन को आगे करने की योजना बनाई गई है। संगठन के आदेश के बाद में कोई भी इस प्रस्ताव का विरोध नहीं कर सकेगा। इसके बाद फिर दल के अनुशासन के आधार पर इस प्रस्ताव को आसानी के साथ लागू किया जा सकेगा।
खर्चे बढ़ रहे, कमाई नहीं बढ़ रही
महापौर का कहना है की निगम के खर्चे तो लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन कमाई नहीं बढ़ रही हैं। ऐसे में यदि हमें बेहतर तरीके से नगर निगम का संचालन करना है तो जनता पर कुछ भार डालना पड़ेगा। महापौर की इस बात से विधायक सहमत नहीं थे। ऐसी स्थिति में इस बैठक में ही यह फैसला लिया गया कि आने वाले समय में पार्षदों की बैठक बुलाकर उनसे इस बारे में चर्चा की जाए।