दक्षिण भारत के वेस्टर्न घाट से आकर मप्र में प्रजनन करने वाले दुर्लभ पक्षी लेसर फ्लोरिकन यानी खरमोर के संरक्षण के लिए मप्र वन विभाग रतलाम की सैलाना खरमोर सेंचुरी का पुनर्गठन करने जा रहा है। इस सेंचुरी से राजस्व क्षेत्र की 304.35 हेक्टेयर निजी कृषि भूमियों को बाहर किया जाएगा।
इसकी जगह पर करीब 400 हेक्टेयर सरकारी वन भूमि के उन इलाकों को सेंचुरी में जोड़ लिया गया है जहां लेसर फ्लोरिकन की मौजूदगी बाईट कुछ वर्षों में पाई गई है। मप्र सरकार ने वन विभाग के सैलाना सेंचुरी के पुनर्गठन प्रस्ताव को प्रशासकीय सहमति दे दी है, जल्द ही इसका गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड मप्र वन विभाग के इस प्रस्ताव को पहले ही स्वीकृति दे चुका है।
वहीं धार के सरदारपुर खरमोर सेंचुरी का भी जल्द ही पुनर्गठन किया जा सकता है। क्योंकि नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड इसके डिनोटिफिकेशन प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। मप्र सरकार ने 14 गांवों की राजस्व भूमि को फ्री करने के लिए पूरी सेंचुरी को ही डिनोटिफाई करना चाहती थी।