स्वतंत्र समय, इंदौर
ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) कालोनी के पीड़ितों ने फैसला किया है कि कालोनाइजर प्रफुल्स सकलेचा की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से करेंगे। जब भी मुख्यमंत्री इंदौर आएंगे तो एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव का घेराव कर कालोनाइजर के खिलाफ नारेबाजी की जाएगी। कलेक्ट्रेट दफ्तर में पीडि़त डायरी वाले रोजाना शिकायत कर रहे हैं। सुपर कॉरीडोर से लगभग तीन किमी अंदर दस साल पहले काटी गई कालोनी में कालोनाइजर प्रफुल्स सकलेचा ने कई लोगों को प्लॉट नहीं दिए।
पुलिस ने Bloomberg कालोनाइजर के खिलाफ दर्ज नहीं किया केस
डायरी वालों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच करके हातोद टीआई को शिकायत भी कर दी है। पुलिस ने अब तक ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) कालोनाइजर के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। इस बात को लेकर कालोनी के पीडि़त डायरी वाले पुलिस अफसरों से नाराज हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त इंदौर के एक अनुसूचित जनजाति के नेता के दबाव में आकर हातोद थाना पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं कर रही है। शुक्रवार को शोभा सेठिया ने कलेक्टर को शिकायत की है कि ग्राम सोनगीर में ब्लूमबर्ग के नाम से कालोनी काटी थी, जिसमें 1000 वर्गफुट का प्लॉट लिया था। जिसके पूरे पैसे भी दे दिए। 31 मई 2013 को पूरा पैसा प्रफुल्स सकलेचा को दिया था, लेकिन प्लॉट अभी तक नहीं मिला है। कालोनी के पीडि़त परेशान हैं कि उन्हें पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी प्लॉट नहीं दिला पा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी इस मामले में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कालोनाइजर ने कालोनी का नाम बदलकर आर्चिड पार्क कर दिया है, जिसका दफ्तर इंदौर में सूर्या होटल के पास फार्रचून बिजनेस स्पेस में चौथी मंजिल पर है। वहां बैठने वाले कर्मचारी कहते हैं कि प्रफुल्स सकलेचा दफ्तर में नहीं आते हैं, जब आएंगे तब उनको बता देंगे। वास्तव में सकलेचा अपने दफ्तर में कई सालों से डायरी वाले पीडि़तों से नहीं मिले हैं। अब यह मामला बढ़ता जा रहा है। पीडि़तों ने भी ठान लिया है कि इस मामले को लेकर सीधे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलेंगे। उनको बताया जाएगा कि किस तरह से एक भू माफिया अफसरों पर भारी पड़ रहा है। कालोनी का डवलपमेंट भी पूरा नहीं किया गया।