स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ( Pooja Khedkar ) अब अफसर नहीं रहेंगी। यूपीएससी ने बुधवार को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में यूपीएससी का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। यूपीएससी ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। पूजा को एग्जाम में 2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस हैं। जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं।
Pooja Khedkar को 2 बार दिया समय, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया
यूपीएससी ने बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए पूजा खेडकर ( Pooja Khedkar) को 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
15,000 डेटा की जांच की, पता नहीं चला कितने अटेम्प्ट्स दिए
खेडकर के केस के चलते यूपीएससी ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने सीएसई नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए यूपीएससी की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। यूपीएससी अपनी सीएसई को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।