इंदौर निगम budget : हंगामे की भेंट चढ़ गए शहरहित से जुड़े सभी सवाल और मुद्दे

स्वतंत्र समय, इंदौर

नगर निगम बजट ( budget ) सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। बजट के दौरान दोनों पक्षों के बीच चर्चा होना थी लेकिन एक बार फिर से भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आमने सामने आ गए। कांग्रेस के पार्षद जहां अपने सवालों को सदन में नहीं लेने पर हंगामा करते रहे तो वही भाजपा के पार्षद भी अपने तर्क गढ़ते रहे।

budget सत्र में केवल हंगामा और शोर शराबा

बजट ( budget ) के दौरान विपक्ष के पार्षदों ने न तो जनता की तरफ से बहस की और न ही शहर से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की। केवल हंगामा और शोर शराबा होता रहा। देखते ही देखते सदन की कार्रवाई लगभग ढाई घंटे में समाप्त हो गई और सभापति ने बहुमत के आधार बजट पारित कर दिया। बजट पारित होने से पहले आक्रोशित कांग्रेस के सभी पार्षद सभापति की आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेसियों की मांग थी कि बजट पर चर्चा से पहले निगम में हुए भ्रष्टाचार और दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर चर्चा हो। इस हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई को तीन बार स्थगित करना पड़ा। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इस दौरान कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वही महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित तमाम भाजपा पार्षदों की मौजूदगी में इंदौर के बजट को बहुमत से पास कर दिया गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के पार्षद पहले दिन से हंगामा कर रहे हैं लेकिन उन्होंने शहर हित से जुड़े किसी भी मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया और लगातार हंगामा किया। महापौर ने कहा कि निगम ने सामने आए भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है और आगे भी इस तरह की सख्ती जारी रहेगी। महापौर ने कहा कि शहर के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं इसे जल्द ही लागू करेंगे और विकासकार्यों को मूर्त रूप दिया जाएगा।

निगम पार्षदों को जनता से मतलब नहीं

इंदौर नगर निगम में सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि कांग्रेस के कई पार्षदों के सवाल शामिल नहीं लिए गए। इस पर बीजेपी पार्षदों ने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि कल जिन्हें निलंबित किया गया। इंदौर नगर निगम का बजट बिना बहस के ही पास हो गया। बुधवार को इस बजट पर चर्चा होना थी लेकिन जहां मंगलवार को कांग्रेस ने हंगामा किया वहीं बहस के दिन बीजेपी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे से माफी की मांग की। इस माफी की मांग से इतना हंगामा हुआ कि सभापति ने तीन बार सदन को स्थगित किया और फिर बजट को बिना बहस के पास कर दिया। कुल मिलाकर बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों की तू-तू मैं-मैं में जनता ठगा गई और बिना बहस के ही बजट पास हो गया और बढ़े हुए टैक्स भी इसी के साथ लागू हो गए।

सभी सवाल हंगामे और शोर की भेंट चढ़ गए

मुन्नालाल यादव के मुताबिक आज बजट पर चर्चा और प्रश्नकाल था लेकिन भाजपा और कांग्रेस के सभी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान सभी पार्षदों को हिदायत दी गई लेकिन वो नहीं माने, जिसके बाद, सदन की कार्रवाई को दो बार स्थगित करना पड़ा और इसके बाद बहुमत से निगम का बजट पास किया गया है। कुल मिलाकर इस बार भी हंगामे की बीच बजट जरुर पास हो गया है लेकिन शहरहित से जुड़े जिन मुद्दों पर चर्चा होनी थी वे सभी सवाल हंगामे और शोर की भेंट चढ़ गए।

तीन बार सभा स्थगित की

दोनों दलों के पार्षदों के हंगामे के कारण सभापति ने कुल तीन बार पहले पांच मिनट, फिर दस मिनट और फिर पांच मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित की। तीसरी बार कार्रवाई शुरू होते ही सभापति ने कहा कि मैं सदन की कार्यवाही सुचारू चलाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन ये संभव नहीं दिख रहा।इसके बाद उन्होंने बहुमत से बजट पास होने की घोषणा की। इसके बाद सभी पार्षद, महापौर, सभापति राष्ट्रगान के लिए खड़े हो गए।

शहरहित से विपक्ष भाग रहा: महापौर

महापौर ने कहा कि विपक्ष भाग रहा था, शहरहित में वह बहस ही नहीं करना चाहते थे। बजट पर बहस के लिए बजट सुनना भी पड़ता है। मंगलवार को सभापति द्वारा समझाने के बाद भी वह नहीं माने और बाहर हुए। यह दुखद है कि विपक्ष ने श्रृंद्धाजलि के दौरान हंगामा किया। हमने कहा कि वह खेद प्रकट करें जो सदन में कल हुआ, लेकिन वह तैयार नहीं हुए। इसके पास सदन ने शहर विकास का बजट पारित कर दिया

कोई सवाल नहीं सुना गया: चिंटू

चौकसे ने कहा कि हमने काले कपड़े पहन तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया, हमारी मांग थी पहले भ्रष्टाचार पर बात करें, लेकिन इस पर बात नहीं की और हमे सदन से बाहर करा दिया। आज भी हम बहस पर चर्चा करना थी, हमने सवाल लगाए, लेकिन कोई सवाल ही नहीं सुना गया, सभी भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। चर्चा करने की बात आई तो सुना ही नहीं और सभापति ने अन्याय करते हुए बजट पारित कर दिया। हमने कहा भी कि बीजेपी पार्षद हंगामा कर रहे है लेकिन हम बात रखने के लिए तैयार है लेकिन नहीं माना गया। अब 6 अगस्त को प्रदर्शन करेंगे।

दो रिक्त पद भरे गए

इससे पहले निगम की अपील समिति के खाली पद पर इंदौर कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने निर्वाचन की प्रकिया पूरी कराई। अपील समिति के सदस्य पद पर निर्विरोध भरत सिंह रघुवंशी का निर्वाचन हुआ। रघुवंशी वार्ड क्रमांक 70 के पार्षद हैं।