केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को बंद कर सकती है, जिसका आखरी फैसला सितंबर में होने की आशा है। इस स्कीम के भविष्य पर निर्णय सितंबर 2024 में होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की बारोइंग बैठक के साथ अलाइन होने की आशा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को सोशल सेक्योरिटी उपाय के बजाय निवेश विकल्प के रूप में पेश किया गया था। लेकिन इस स्कीम को सरकारी घाटे के फंडिंग के लिए सबसे महंगे साधनों में से 1 के रूप में देखा जाता है। फिलहाल, सरकार गोल्ड बॉन्ड स्कीम के किसी ऑप्शन की तलाश नहीं कर रही है।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम?
एसजीबी सरकारी सेक्योरिटीज हैं जिनका मूल्य ग्राम सोने में होता है। यह फिजिकल गोल्ड को रखने का 1 ऑप्शन है। यह स्कीम फिजिकल तौर पर गोल्ड रखने के लिए 1 अच्छा ऑप्शन देती है। इसके कई सकारात्मक पहलू हैं। निवेशकों को परिपक्वता के वक़्त सोने के मार्केट प्राइस और आवधिक ब्याज का आश्वासन दिया जाता है।
एसजीबी सोने के आभूषणों पर बढ़त रखते हैं क्योंकि वे मैन्युफैक्चरिंग चार्जेज और प्योरिटी के इश्यूज से फ्री होते हैं। बाॉन्ड आरबीआई की बुक्स में या डीमैट में रखे जाते हैं, जिससे शेयरों के खोने आदि का जोखिम खत्म हो जाता है।