स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के छात्रावासों का निरीक्षण सचिव स्तर के 13 आइएएस ( IAS ) से कराएगी। इसके लिए इन 13 आइएएस अधिकारियों को 55 जिले दिए गए हैं, जो समय-समय पर इन छात्रावासों में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और इनमें सुधार की रिपोर्ट शासन को देंगे।
IAS को हर महीने कम से कम तीन दिन निरीक्षण करना होगा
आइएएस ( IAS ) अफसरों को प्रत्येक दो माह में कम से कम तीन दिन छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करना होगा। इस दौरान सामने आने वाली कमियां और सुधार को लेकर रिपोर्ट संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभाग के प्रभारी अधिकारी और संभागायुक्त को देंगे। इसके आधार पर व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे। छात्रावासों में सुविधाओं की कमी और अव्यवस्थाओं की बात बार-बार सामने आई है। खासकर छात्रावासों में पदस्थ पुरुष अधीक्षकों को लेकर छात्राओं के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार से जुड़े मुद्दे हमेशा विधानसभा में भी उठते रहे हैं। साथ ही कई मामलों में पुलिस ने भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किए हैं।
किसे किस जिले की जिम्मेदारी…
- पी नरहरि इंदौर, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर
- डॉ. नवनीत मोहन कोठारी धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी
- डॉ. संजय गोयल उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम
- एम. सेलवेन्द्रन शाजापुर, देवास, आगर मालवा
- रघुराज एम आर भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ
- शिल्पा गुप्ता नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल
- लोकेश कुमार जाटव जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, डिंडौरी
- जान किंग्सली एआर बालाघाट, सिवनी, मंडला, छिंदवाडा, पांढूर्णा
- श्रीमन शुक्ला अनूपपुर, उमरिया, शहडोल
- सिबि चक्रवती एम सागर , दमोह, टीकमगढ, निवाडी, छतरपुर, पन्ना
- अनिल सुचारी रीवा, मऊगंज, सतना, मैहर, सीधी, सिंगरौली
- ओमप्रकाश श्रीवास्तव ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया
- ललित कुमार दाहिमा भिंड, मुरैना, श्योपुर
पहले बनी थी मंत्रियों की समिति
छात्रावास व्यवस्था में सुधार की अनुशंसा करने के लिए सरकार ने पहले सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों की समिति का गठन किया था। अब छात्रावास की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी आवंटित जिलों के छात्रावास, आश्रमों का निरीक्षण करेंगे। इनमें जो कमियां पाई जाएंगी, उनमें सुधार को लेकर संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव को प्रतिवेदन सौंपेंगे। संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिवों को भी प्रतिवेदन दिया जाएगा ताकि वे भी नियमित निगरानी कर सकें। जिन अफसरों को निरीक्षण का जिम्मा दिया गया है, वे सभी सचिव स्तर के अधिकारी हैं।