स्वतंत्र समय, इंदौर
ड्रेनेज और नर्सिंग घोटाले के विरोध में प्रदेश कांग्रेस ( Congress ) के निर्देश पर शहर और जिला कांग्रेस कल एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है। जिसमें 10 हजार कार्यकताओं की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन कार्यकताओं की इतनी भीड़ एकत्रित करने में शहर एवं जिला कांग्रेस के नेताओं को पसीने छूट रहे हैं।
Congress कार्यकर्ता और नेता असमंजस में है
वजह साफ है ग्रामीण और शहर ( Congress ) कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बटी हुई है। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि शहर और जिला कांग्रेस के अध्यक्ष कि निलंबन की बहाली नहीं होने से कार्यकर्ता और नेता असमंजस में है। हालांकि यह आंदोलन नगर निगम प्रशासन के खिलाफ होना है इसलिए निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे अपने स्तर पर तैयारी में लगे हैं। चौकसे कांग्रेस के पार्षदों को फोन कर अपने साथ अधिक से अधिक संख्या में कार्यकताओं को लाने का बोल रहे है। विगत दिनोंनिगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने एक बैठक भी ली थी लेकिन उसमें अधिक संख्या में कार्यकर्ता नहीं पहुंचे थे। 6 अगस्त को सुबह 11 बजे होने वाले आंदोलन को हल्ला बोल नाम दिया गया है। आंदोलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के शामिल होने की बात कही जा रही है।
शांत बैठे हैं निलंबित अध्यक्ष
इस हल्ला बोल आंदोलन को सफल बनाने की जिम्मेदारी शहर कांग्रेस, जिला कांग्रेस और निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे की है लेकिन निलंबित शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढ़ा निष्क्रिय बैठे हुए है। आंदोलन को लेकर चल की कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही है। यह ना तो किसी को फोन कर रहे हैं और ना ही बैठक में आ रहे है। ऐसी ही स्थिति निलंबित जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव की भी है। उन्होंने भी कोई बड़े प्रयास नहीं किए, दिखावे के लिए एक बैठक जरूर ली है।
प्रभारी की प्रतिष्ठा दांव पर
मंगलवार को होने वाले कांग्रेस के इस आंदोलन में जिले के कांग्रेस प्रभारी एवं पूर्व विधायक रवि जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस हल्ला बोल आंदोलन को सफल बनाने के लिए जोशी लगातार बैठकें ले रहे हैं और इंदौर के नेताओं को आवश्यक निर्देश भी दे रहे है। उन्होंने कई नेताओं को जिम्मेदारी भी दे रखी है।