स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
बांग्लादेश ( Bangladesh ) में हिंसा के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया है। साथ ही देश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। मंगलवार को बांग्लादेश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही अंतरिम सरकार के लिए नामों का प्रस्ताव देंगे।
भारत ने Bangladesh जाने वाली सभी ट्रेनें-फ्लाइट्स रद्द की
दूसरी तरफ भारत सरकार ने मंगलवार सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा-शेख हसीना सदमे में हैं। सरकार बात करने से पहले उन्हें कुछ समय दे रही है। वे भविष्य को लेकर खुद फैसला लेंगी। विदेश मंत्री ने कहा-वहां हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। यह चिंता की बात है। इसके बाद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने बताया कि सोमवार को हसीना ने बेहद कम समय के अंदर भारत आने की अपील की थी। वे सोमवार शाम को दिल्ली पहुंचीं थीं। दरअसल, हसीना के खिलाफ 2 महीने से जारी प्रदर्शन में सोमवार को जमकर हिंसा हुई थी। इसके बाद पीएम हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया। वह ढाका से अगरतला के रास्ते भारत पहुंची थीं। हिंडन एयरबेस पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने उनसे करीब एक घंटे बातचीत की। हसीना लंदन या फिनलैंड जा सकती हैं। भारत ने बांग्लादेश ( Bangladesh ) जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं। एअर इंडिया और इंडिगो ने भी ढाका जाने वाली सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं।
इंटेलिजेंस के डायरेक्टर को हटाया गया
बांग्लादेश में सियासी हलचल के बीच आर्मी में बड़ा बदलाव किया गया है। बांग्लादेश की इंटेलिजेंस एजेंसी नेशनल टेली-कम्युनिकेशन मॉनीटरिंग सेंटर के डायरेक्टर जिया-उल-अहसान को पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह मेजर जनरल एएसएम रिदवानुर रहमान को एनटीएमसी का डायरेक्टर बनाया गया है। वहीं विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद सायफुल आलम को दी गई है।
शेख हसीना ने कुछ समय के लिए भारत में शरण मांगी
बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार की भी नजर है। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में हालात की जानकारी दी और सरकार का रुख साफ किया। विदेश मंत्री ने बताया कि सोमवार को बांग्लादेश से आनन-फानन में संदेश आया और शेख हसीना ने कुछ समय के लिए भारत में शरण मांगी। भारतीयों के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में 19 हजार नागरिक और करीब 9 हजार छात्र हैं, जिनकी सुरक्षित वापसी के लिए पहले से अभियान चलाया जा रहा है।