Nag Panchami 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। बड़े श्रद्धा भाव से हिंदू इस पर्व को मनाते है। इस बार 9 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार रहेगा। वहीं ज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में सिर्फ एक बार खुलते हैं, और वो भी केवल नागपंचमी के दिन, जब यह दर्शनीय प्रतिमा को देखने के लिए लाखों भक्त उज्जैन आते हैं। इस वर्ष, नागपंचमी पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इसलिए, मंदिर के पट 8 अगस्त की रात 12 बजे से 9 अगस्त की रात 12 बजे तक भक्तों के लिए खुले जाएंगे। सवारी आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या के चलते, प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था की सुनिश्चितता की है।
त्योहार को लेकर यातायात पुलिस ने प्लान जारी किया
नागपंचमी के त्योहार को लेकर यातायात पुलिस ने प्लान जारी कर दिया है। यातायात का दबाव अधिक रहने के कारण बुधवार शाम चार बजे से ही पुलिस 12 मार्गों पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर देगी। जानकारी के मुताबिक बता दें डीएसपी दिलीपसिंह परिहार ने बताया कि यातायात को सुगम बनाने के लिए डायवर्जन एवं पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।
आज शाम से बंद हो जाएंगे यह मार्ग
डीएसपी परिहार ने बताया कि नागपंचमी को देखते हुए बुधवार शाम चार बजे से ही इन मार्गों पर वाहनों का आवागमन बढ़ने के कारण सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित किए जाएंगे। हरिफाटक टी से महाकाल घाटी चौराहा की ओर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हरिफाटक टी से इंटरपिटीशन की तरफ वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। जंतर-मंतर से जयसिंहपुरा, चारधाम पार्किंग की ओर वाहनों का प्रवेश नहीं होगा। शंकराचार्य चौराहे से नृसिंहघाट तरफ वाहनों का प्रवेश नहीं होगा। शंकराचार्य चौराहे से दानीगेट की तरफ वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे। भूखीमाता टर्निंग से नृसिंह घाट की तरफ वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दौलतगंज से लौहे का पुल की ओर वाहन नहीं आ-जा सकेंगे। कंठाल चौराहे से छत्री चौक की तरफ वाहनों का प्रवेश नहीं होगा। तेलीवाड़ा से कमरी मार्ग तरफ वाहन नहीं जा सकेंगे। दानीगेट से गणगौर दरवाजा, हरसिद्धी पाल की तरफ वाहनों का प्रवेश नहीं हो सकेगा। केडी गेट से टंकी चौराहा की तरफ वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भार्गव तिराहे से कमरी मार्ग तरफ वाहन नहीं जा सकेंगे।
वर्ष में केवल एक बार खुलते है मंदिर के पट
महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में केवल एक बार खुलते हैं, और वो भी केवल नागपंचमी के दिन। इस मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सात फनों वाले नागों के सिंहासन पर विराजमान हैं। इस मान्यता के अनुसार, यह प्रतिमा पूरी दुनिया में अनूठी है। नागचंद्रेश्वर मंदिर की प्रतिमा में भगवान शिव के साथ ही उनके परिवार के वाहन नंदी और सिंह भी उपस्थित हैं। मूर्ति में भगवान गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमा भी अंकित हैं।